जयपुर में भेदभाव छुआछूत मुक्त राजस्थान अभियान को लेकर एक रैली का आयोजन किया गया, जिसमें डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि प्रदेश में दलितों और मुस्लिमों को अचार की तरह परोसा जा रहा है.
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Jaipur: भेदभाव छुआछूत मुक्त राजस्थान अभियान के अंतर्गत आज राजधानी जयपुर में एक रैली का आयोजन किया गया. रैली में मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर सहित सामाजिक संगठन मौजूद रहे. ज़ी मीडिया से विशेष बातचीत में प्रकाश अंबेडकर ने कहा राजस्थान में दलितों पर अत्याचार पूरे तरीके से बढ़ रहा है.
भेदभाव छुआछूत मुक्त राजस्थान अभियान के अंतर्गत गुरुवार को जयपुर में एक रैली का आयोजन किया गया. रैली में मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर सहित सामाजिक संगठन मौजूद रहे. ज़ी मीडिया से विशेष बातचीत में प्रकाश अंबेडकर ने कहा राजस्थान में दलितों पर अत्याचार बढ़ रहा है. दलितों पर अत्याचार ज्यादा हो रहा है, वहीं, अगर मुस्लिम समुदाय की बात करें तो उन पर भी अत्याचार के केस बढ़े हैं. ओबीसी में से जो छोटे ओबीसी हैं उन पर भी अत्याचार का दायरा बढ़ा है. समाज में जिस तरह का प्रचार हो रहा है, नफरत की भावना ज्यादा बढ़ती जा रही है.
2 सालों से दलितों पर अत्याचार बढ़े
उसका ही यह परिणाम है कहीं ना कहीं हम लोगों को यह सोचना होगा कि राजनीतिक दलों के माध्यम से जिसका प्रचार हो रहा है, धर्म का प्रचार हो रहा हो तो मैं मानता हूं कि वह एक अलग तरीके का प्रचार है. लेकिन धर्म के नाम पर भेदभाव, द्वेष और बदले की भावना का प्रचार सबसे ज्यादा हो रहा है. इसी की वजह से राजस्थान में पिछले 2 सालों से दलितों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं. ऐसा मैं नहीं कह रहा, पुलिस के रिकॉर्ड कह रहा हैं. प्रदेश में दलितों पर अत्याचार यह गंभीर परिस्थिति बनी हुई है, कहीं ना कहीं समाज के अंदर ऐसी एक धारणा बनी हुई है कि हम लोगों ने कुछ भी करा तो हम बरी हो जाएंगे.
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कानून और सरकार का डर कम होते हुए देखने को मिल रहा है, जिस वजह से प्रदेश में दलितों पर अत्याचार का ग्राफ बढ़ा है. अंबेडकर ने जालौर की घटना का जिक्र करते हुए कहा दलित छात्र को पानी की मटकी से पानी पीने के लिए मारा पीटा जाता है, जिससे उसकी मौत हो जाती है. समाज में जातिवाद की भावना पनप रही है और जो देखने को भी मिल रही है और वही से इसकी शुरुआत हुई है. अंबेडकर ने राजस्थान सरकार को घेरते हुए कहा राज्य सरकार दलितों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ कोई भी एक्शन नहीं ले रही है. जो दलितों के नेता है और जो नेता बनना चाह रहे हैं ऐसे संगठनों को अपनी ताकत का एहसास राज्य सरकार को करवाना चाहिए था, जोकि राजस्थान में देखने को नहीं मिला. अन्य प्रदेशों में दलितों में एकता देखने को मिलती है, राजस्थान में ऐसा कुछ भी नहीं है. राजधानी जयपुर प्रदेश का कैपिटल है, यहां आकर सभी दलित समाज के लोगों को सरकार को घेरना चाहिए था लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
मदद करने के लिए तैयार
अंबेडकर ने कहा ऐसी घटनाओं के बाद राजस्थान में दलित राजनीति उभरनी चाहिए, उसके लिए हम पूरी तरीके से मदद करने के लिए तैयार हैं. दलित संगठन इस बात को मान ले कि प्रदेश की लीडरशिप अच्छी होगी तब ही केंद्र की लीडरशिप सरपट दौड़ेगी. प्रदेश की लीडरशिप अगर उभरती नहीं है तो केंद्र की लीडरशिप पंगु हो जाती है. अंबेडकर ने दलित समाज के संगठनों से आग्रह करते हुए कहा कि सामाजिक तौर पर हम सभी लड़ते रहेंगे. लड़ने का अंतिम उद्देश्य राजनीति होना चाहिए, यह बात जिस दिन यहां के संगठन स्वीकार लेंगे, उस दिन दलितों की राजनीति दौड़ पड़ेगी, मुस्लिम राजनीति भी साथ में जुड़ेगी आदिवासी, भील ओबीसी के कुछ लोग भी जुड़ने चाहिए. अंबेडकर ने देश के दोनों बड़े दलों पर हमला बोलते हुए कहा दलितों की हितैषी पार्टी ना तो कांग्रेस है और नाही बीजेपी. कांग्रेस का संगठन अपने स्तर पर रुचि लेते हुए कांग्रेस के संगठन को आगे बढ़ा रहा है. लेकिन वोटर मुस्लिम और दलित समाज जो कांग्रेस की बैकबोन है. ऐसे समाजों का कांग्रेस का संगठन बिल्कुल भी काम नहीं कर रहा उनके लिए नाहि कोई योजना है, नाहि और कोई सुविधाएं. खाने की थाली में दलित और मुस्लिमों को अचार की तरह परोसा जाता है, उनको अचार की तरह ही समझा जाता है कि जब इच्छा हो खा लिया, जब नहीं खाना तो साइड में कर दिया.
Reporter: Anup Sharma
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