Jaipur Bomb Blast: राजस्थान के जयपुर में 16 साल पहले हुए बम धमाके में मुस्कान ने अपने पिता को खो दिया था. अब 16 साल बाद मुस्कान जिंदगी की नई पारी शुरू करने जा रही है. मुस्कान शादी करने जा रही हैं, जिसकी तैयारियां तेजी से चल रही है.
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Rajasthan News: आज से लगभग 16 साल पहले जयपुर बम धमाकों ने कई परिवारों की ज़िंदगी को बदल कर रख दिया. इनमें से एक थीं मुस्कान तंवर, जिनके परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा. तब से मुस्कान की मां परिवार के लिए एक मजबूत सहारा बनकर खड़ी रहीं. अब, 16 साल बाद, मुस्कान की शादी की तैयारियां पूरे उत्साह और हर्षोल्लास के साथ चल रही हैं
मुस्कान, जो नाड़ी का फाटक क्षेत्र की निवासी हैं, 16 जनवरी को आमेर कुंडा स्थित रोशन हवेली में परिणय सूत्र में बंधेंगी. यह शादी केवल एक व्यक्तिगत उत्सव नहीं है, बल्कि यह सामूहिक जिम्मेदारी और सेवा का प्रतीक बन चुकी है. इस आयोजन को राजस्थान प्रदेश पंजाबी महासभा, सर्व मंगल सेवा समिति, और आर्य समाज आदर्श नगर द्वारा पूरी गरिमा के साथ आयोजित किया जा रहा है. मुस्कान का पूरा परिवार रवि नैय्यर को एक फरिश्ते का दर्जा दे रहा है, जिसने इस शादी का बेड़ा उठाकर परिवार को उनका कर्जदार बना दिया. मुस्कान की मां का कहना है कि परिवार ने समाज की प्रथाओं का असर उनकी लाइफ पर नहीं होने दिया. उनका पहनावा बिल्कुल पहले की तरह ही रहा.
मुस्कान ने बताया कि उनके पिता घनश्याम सिंह तंवर की जयपुर बम धमाकों में उस वक्त डेथ हुई. जब वे सांगानेरी गेट स्थित हनुमान मंदिर में प्रसाद चढ़ाने गए थे. उनकी मौत के बाद, परिवार को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. मुस्कान कहती हैं, "रवि नैयर हमारे लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं. उन्होंने हमारी हर मुश्किल में साथ दिया. आज यह शादी हमारे परिवार के लिए एक नई शुरुआत और उम्मीद की किरण लेकर आई है. जो परिवार 16 साल पहले सहम गया था. आज खुशियां मना रहा है. खुशी में झूम रहा है.
सर्व मंगल सेवा समिति और पंजाबी महासभा ने न केवल मुस्कान बल्कि अन्य कई पीड़ित बेटियों के जीवन को संवारने का बीड़ा उठाया. समिति के अध्यक्ष रवि नैयर ने बताया कि अब तक बम धमाके से प्रभावित हुई 9 बेटियों का विवाह हो चुका है, और मुस्कान 10वीं बेटी हैं, जिनकी शादी उनके देखरेख में हो रही है. रवि नैयर और उनकी धर्मपत्नी पारुल नैयर ने मुस्कान की शादी की सारी तैयारियों को व्यक्तिगत जिम्मेदारी के रूप में लिया है. शादी का जोड़ा, साज-सज्जा, और अन्य आवश्यक चीजों की देखभाल पारुल नैयर खुद कर रही हैं.
रवि नैय्यर बताते हैं कि यह शादी सिर्फ एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सभी समुदायों को एकजुट करने का प्रयास है. अब तक राजपूत, ब्राह्मण, सिंधी, और मुस्लिम परिवारों की बेटियों का विवाह हो चुका है. हर शादी के साथ एक नए रिश्ते और विश्वास का निर्माण हुआ है. पदाधिकारियों ने शादी की शुरुआत मोती डूंगरी गणेश मंदिर में प्रथम निमंत्रण देकर की. यह परंपरा दर्शाती है कि हर काम की शुरुआत ईश्वर के आशीर्वाद के साथ होनी चाहिए.
इस शादी का हर पहलू यह साबित करता है कि जब समाज सेवा और मानवता का संकल्प लिया जाए, तो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी नई उम्मीदें और खुशियां पनप सकती हैं. मुस्कान की शादी इस बात का प्रतीक है कि दर्द और संघर्षों के बाद भी जीवन में नए अवसर आते हैं, और सामूहिक प्रयासों से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है.
रिपोर्टर- प्रीति तंवर
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