कोटा बैराज से अत्यधिक पानी छोड़े जाने के कारण चम्बल नदी में बढ़ते जल स्तर से कोटा बैराज के 16 गेट खोलकर 4 लाख 83 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई है. इस पानी की निकासी से चम्बल नदी में जल स्तर बढ़ने से सरमथुरा, बाड़ी, धौलपुर, राजाखेड़ा के करीब 80 से अधिक गांवो में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना है.
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Dholpur: जिले में कोटा बैराज से अत्यधिक पानी छोड़े जाने के कारण चम्बल नदी में बढ़ते जल स्तर को देखते हुए, जिला कलक्टर अनिल कुमार अग्रवाल ने अधिकारियों को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए है. कलक्टर ने आवश्यक राहत व बचाव सम्बंधी तैयारियों के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि चम्बल नदी का जल स्तर सोमवार रात तक 136 मीटर पहुंचने की संभावना है, जो मंगलवार सुबह तक बढ़ कर 140 मीटर तक हो सकता हैं.
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प्राप्त सूचना के अनुसार कोटा बैराज के 16 गेट खोलकर 4 लाख 83 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई है. इस पानी की निकासी से चम्बल नदी में जल स्तर बढ़ने से सरमथुरा, बाड़ी, धौलपुर, राजाखेड़ा के करीब 80 से अधिक गांवो में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना है. उन्होंने सभी अधिकारियों को बाढ़ संभावित निचले क्षेत्रों में लगातार निगरानी रखते हुए, वहां रहने वाले निवासियों एवं पशुओं को तत्काल सुरक्षित स्थल तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं, साथ ही उनकी भोजन व अन्य व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है. उन्होंने कहा कि बाढ़ की संभावना के के चलते राहत एवं बचाव के लिए अतिरिक्त एसडीआरएफ टीम तैनात की जायेगी.
कलक्टर ने समस्त उपखंड अधिकारियों तथा विकास अधिकारियों को आपातकालीन स्थिति में राहत बचाव कार्य हेतु आवश्यक संसाधनों के साथ तैयार रहने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने चिकित्सा विभाग की टीमों को आवश्यक दवाओं सहित संस्थानों पर उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने अध्यापक, पटवारी, एएनएम, पुलिस कांस्टेबल, ग्राम विकास अधिकारी एवं सरपंच आदि को 24 घण्टे बाढ़ संभावित क्षेत्रों में भ्रमण एवं निगरानी रखने हेतु पाबन्द किया है.
इस दौरान एसडीआरएफ, आरएसी होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा स्वयं सेवकों को आपातकालीन स्थिति में राहत बचाव हेतु तैयार रहने को कहा है. जिले में बाढ सम्बंधी किसी भी घटना की सूचना तत्काल जिला बाढ़ नियंत्रण कक्ष दूरभाष नम्बर 05642 220033 पर दें. उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए है कि बाढ़ प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में गंभीर रोगों, मौसमी बीमारियों से ग्रसित पीड़ितों के उपचार हेतु एवं गर्भवती महिलाओं व प्रसुताओं को अत्यावश्यक आपात चिकित्सकीय सेवायें उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें. संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पशुओं में बाढ़ जनित बीमारियों को रोकथाम हेतु आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है.
Reporter: Bhanu Sharma
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