Chittorgarh News: चित्तौड़गढ़ में गरीब बुजुर्ग मां और दिव्यांग बेटे को विभागीय लापरवाही के चलते राशन नहीं मिल रही है. इससे वह काफी परेशान है, जिसके चलते अतिरिक्त जिला कलेक्टर मुकेश कुमार उनके घर पहुंचे.
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Chittorgarh News: जिन लोकलुभावन योजनाओं के दम पर राजनीतिक पार्टियां अपनी सरकारें बना लेती हैं, उन्हीं योजनाओं का लाभ पंक्ति में बैठे आखिरी व्यक्ति को मिल रहा हैं या नही, ये तय करने की जिम्मेदारी तय नहीं की जाती है. योजनाओं की सही मोनिटरिंग नहीं होने का खामियाजा योजना से वंचित जरूरतमंद को उठाना पड़ता है.
ऐसा ही एक मामला चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा में देखने को मिला. दरअसल सिंचाई विभाग की कॉलोनी निवासी गरीब बुजुर्ग विधवा रुकमा रावत का पुत्र डाऊ सिंह नेत्रहीन होने के साथ हाथ-पैरों से पूर्ण रूप से दिव्यांग है. इस वजह से अब तक उसका आधार कार्ड नहीं बन सका. इस वजह से पिछले एक साल से डाऊ सिंह को सरकारी योजना में मिलने वाली पेंशन बंद हो गई थी.
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दाने-दाने को मोहताज
वहीं आधार कार्ड के अभाव में दो सदस्यों के राशनकार्ड में डाऊ की सीडिंग के अभाव में पिछले पांच साल से उसके हिस्से के गेहूं नहीं मिल रहे. वार्षिक सत्यापन के अभाव में रुकमा रावत को मिलने वाली पेंशन भी बंद हो गई, जिससे दिव्यांग पुत्र और उसकी बुजुर्ग मां दाने-दाने को मोहताज हो गए.
अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने दिए आदेश
इसके बाद से ही वार्डवासियों की ओर से जरूरतमंद मां-बेटे की मदद की जा रही थी. वहीं, अतिरिक्त जिला कलेक्टर मुकेश कुमार मीणा को जैसे ही मामलें की जानकारी मिली. उन्होंने तुरंत ही मामलें में संवेदनशीलता दिखाई और बुजुर्ग महिला के घर पहुंच गए. अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने मौके पर समाज कल्याण विभाग के अधिकारी को बुलाकर जल्द से जल्द जरूरतमंद मां-बेटे की पेंशन और गेहूं चालू करवाने के आदेश दिए.
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