Ravindra Singh Bhati: शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने सोमवार को एक पत्रकार वार्ता में कहा कि उनका पहला कर्तव्य क्षेत्र के लोगों के हक और अधिकारों की रक्षा करना है. उन्होंने यह भी कहा कि आमजनता के हक की लड़ाई लड़ने के कारण उन पर एक साल में शिव थाने में तीसरी एफआईआर दर्ज की गई है. उन्होंने स्पष्ट किया कि वह अपने क्षेत्र के लोगों के साथ खड़े रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ते रहेंगे.
रविंद्र सिंह भाटी ने स्पष्ट किया है कि वे इन एफआईआर से डरने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों ने उन्हें वोट देकर विधायक बनाया है और पांच साल बाद भी वे उन्हीं लोगों के पास जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि वे कंपनियों की मेहरबानी से विधायक नहीं बने हैं, बल्कि उन्होंने कंपनियों के खिलाफ हक और अधिकारों की लड़ाई लड़ी है और आगे भी लड़ते रहेंगे. मुकदमा होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर वे घर पर सो जाते तो मुकदमे किस पर होते? उन्होंने स्पष्ट किया कि वे डरने वाले नहीं हैं और आम आदमी के हित के लिए लड़ने पर मुकदमा एक नहीं दस करें.
रविंद्र सिंह भाटी ने अपने संघर्षों का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने बईया गांव में ओरण-गोचर जमीन की लड़ाई लड़ी, जिसमें प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा. इस लड़ाई के परिणामस्वरूप, कंपनी को जमीन छोड़नी पड़ी, जो कि एक बड़ी जीत थी. इसके बाद, रविंद्र सिंह भाटी ने हड़वा प्रकरण में ग्रामीणों के साथ मिलकर संघर्ष किया. इस संघर्ष के परिणामस्वरूप, एक कंपनी ने गांव के विकास के लिए 3.50 करोड़ रुपए का सीएसआर फंड देने की घोषणा की. यह बाड़मेर में पहली बार हुआ है, जहां कंपनियां वर्षों से काम कर रही हैं, लेकिन पहले कभी भी गांव के विकास के लिए इतनी बड़ी राशि नहीं दी गई.
रविंद्र सिंह भाटी ने कहा है कि किसानों के हक और अधिकार के लिए वह किसी भी कीमत पर लड़ने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि अगर किसानों के लिए जेल जाना पड़ा तो वह हंसते-हंसते जेल जाएंगे. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीणों के लिए वह कभी भी तैयार मिलेंगे, चाहे जरूरत कहीं पर भी पड़े.
उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्र में विकास के नाम पर विनाश नहीं होने देंगे. उन्होंने कंपनियों पर आरोप लगाया कि वे ग्रामीणों की गोद में आकर बैठना चाहती हैं, लेकिन वह ऐसा नहीं होने देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि मुकदमे से वह नहीं डरेंगे और किसानों के हक के लिए लड़ते रहेंगे.