बाड़मेर जिले में गणगौर महोत्सव की धूम देखी जा रही है. महोत्सव के तहत शहर में कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. कार्यक्रम में पूरे रास्ते ढोल की थाप पर महिलाएं नाचती-गाती नजर आईं.
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Barmer: सोलह दिवसीय लोकपर्व गणगौर की बाड़मेर जिले में धूम देखने को मिल रही है. महोत्सव को लेकर महिलाओं व युवतियों में खासा उत्साह है. आगामी चैत्र शुक्ल तृतीया को गौर माता ईसरजी के साथ विदा हो जाएगी. इससे पूर्व घर आई गौर माता को मनाने में शहर में बसे हर समाज की महिलाएं कोई कसर नहीं छोड़ रही है. शीतला अष्टमी के बाद से ही लगातार नित नए अंदाज में गणगौर के बिंदोळे, घुड़ला सवारी और चैत्र कृष्ण दशमी के मौके पर दशा माता व्रत-पूजन के बाद से सामूहिक गणगौर सिंजारा उत्सव के आयोजनों के दौर में सरहदी बाड़मेर में गणगौर की धूम मची हुई है.
गणगौर उत्सव के दौरान गुरुवार को महिलाओं द्वारा गवर-ईसर की प्रतिमाओं को आकर्षक रूप से सजाकर बैंड व ढोल की थाप पर सवारी निकाली गई. जिला मुख्यालय के अग्रवाल मोहल्ला में अग्रवाल महिला मंडल की ओर से गवर और ईसर की प्रतिमाओं का पहले श्रृंगार किया गया. इसके बाद अग्रवाल मोहल्ले से गवर और ईसर की सवारी निकाली गई. महिलाएं अग्रवाल मोहल्ले से हनुमान मंदिर पहुंची, जहां प्रतिमाएं रखी गई. पूरे रास्ते ढोल की थाप पर महिलाएं नाचती-गाती नजर आईं.
गणगौर महोत्सव के तहत गुरुवार को मुकुंद जी के मंदिर से भी महिलाओं से गवर और ईसर की शाही सवारी निकाली गई. यह सवारी मंदिर से रवाना होकर वीर बालाजी हनुमान मंदिर पहुंची. इस दौरान महिलाएं बैंड की धुन पर नाचती-गाती नजर आई. साथ ही रथ पर गवर और ईसर की प्रतिमाएं विराजित की गई तो घोड़ों पर महिलाएं सवार हुईं. इस दौरान महिलाओं में उत्साह देखते ही बन रहा था. इन आयोजनों के साथ ही सामूहिक गणगौर सिंजारा उत्सव, घुड़ला सवारी, बंदोळा कार्यक्रम के दौरान गणगौर पर्व के अलग-अलग ड्रेसकोड से विभिन्न आयोजनों को आकर्षक बनाने में महिलाएं-युवतियां उत्साहित नजर आ रही हैं. चैत्र शुक्ल तृतीया के उपलक्ष में शुक्रवार को गणगौर की विदाई होगी.
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