बाड़मेर: अस्पताल में इलाज नहीं मिलने से विवाहिता की हुई मौत, परिजनों ने शव उठाने से किया इनकार
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बाड़मेर: अस्पताल में इलाज नहीं मिलने से विवाहिता की हुई मौत, परिजनों ने शव उठाने से किया इनकार

सिवाना उपखंड क्षेत्र के रमणिया गांव निवासी पप्पू देवी पत्नी महेंद्र कुमार की कल महिला दिवस के दिन अचानक ही तबीयत बिगड़ गई थी. जिसके बाद परिजन उसको सिवाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर आए लेकिन चिकित्सक अस्पताल में नहीं मिला.

बाड़मेर: अस्पताल में इलाज नहीं मिलने से विवाहिता की हुई मौत, परिजनों ने शव उठाने से किया इनकार

Barmer News:  जिले की सिवाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज नहीं मिलने से विवाहिता की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शव उठाने से इंकार कर दिया है. वहीं चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई कर पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर परिजन व समाज के लोग अस्पताल परिसर में धरने पर बैठ गए हैं.

जिसके बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने लापरवाही बरतने वाले चिकित्सक को एपीओ कर दिया है लेकिन परिजन अपनी मांगों पर अभी भी अड़े हुए हैं.

जानकारी के अनुसार सिवाना उपखंड क्षेत्र के रमणिया गांव निवासी पप्पू देवी पत्नी महेंद्र कुमार की कल महिला दिवस के दिन अचानक ही तबीयत बिगड़ गई थी. जिसके बाद परिजन उसको सिवाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर आए लेकिन चिकित्सक अस्पताल में नहीं मिला. उसके बाद चिकित्सक के घर पर भी परिजन विवाहिता को लेकर गए लेकिन वहां भी कई बार दरवाजा खटखटाने के बाद भी चिकित्सक की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया.

समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण विवाहिता पप्पू देवी ने दम तोड़ दिया जिसके बाद गुस्साए परिजनों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए. परिजनों का कहना है कि चिकित्सक में समय पर विवाहिता का इलाज कर देते या बालोतरा रेफर भी कर देते तो विवाहिता की जान बच सकती थी.

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परिजन व समाज के लोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में ही धरने पर बैठ कर लापरवाह चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई व पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की सरकार से मांग कर रहे हैं. परिजनों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर सहमति नहीं बनती है तब तक शव नहीं उठाया जाएगा.

परिजनों व समाज के लोगों का लगातार हंगामा बढ़ते देख मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी चंद्रशेखर गजराज ने प्रथम दृष्टया चिकित्सक की लापरवाही मानते हुए चिकित्सक देवराज कड़वासरा को एपीओ कर दिया है. वहीं बाड़मेर जिला मुख्यालय से तीन चिकित्सकों की कमेटी बनाकर इस पूरे मामले की जांच के लिए भेजा गया है.

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