Baran: मनरेगा में काम करने वाली महिलाओं का फूटा गुस्सा, हाईव जाम कर जताई नाराजगी
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Baran: मनरेगा में काम करने वाली महिलाओं का फूटा गुस्सा, हाईव जाम कर जताई नाराजगी

 जिले के कवाई ग्राम पंचायत के अंतर्गत मनरेगा में काम करने वाली मजदूरों को मस्टरोल में राशि कम मिलने पर आक्रोशित सैकड़ों महिला मजदूरों ने कस्बे के बनारसी चौराहे पर नेशनल हाईवे सड़क को जाम कर दिया.

Baran: मनरेगा में काम करने वाली महिलाओं का फूटा गुस्सा, हाईव जाम कर जताई नाराजगी

बारां: जिले के कवाई ग्राम पंचायत के अंतर्गत मनरेगा में काम करने वाली मजदूरों को मस्टरोल में राशि कम मिलने पर आक्रोशित सैकड़ों महिला मजदूरों ने कस्बे के बनारसी चौराहे पर नेशनल हाईवे सड़क को जाम कर दिया. करीब आधे घंटे तक जाम रहने से तीनों प्रमुख सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में वाहनों का जमावड़ा लग गया. जाम के दौरान अचानक बारिश भी हुई, लेकिन सड़क पर बैठी महिला मजदूर वहां से नहीं हटी. सिर पर तगारी व कट्टे रखकर वहीं डटी रही.

सूचना पर पहुंची पुलिस ने महिलाओं से समझाइश कर उन्हें वहां से हटाया और आवागमन सुचारू कराया. बाद में महिलाओं ले पंचायत में सरपंच का घेराव किया. जिन्हें नायब तहसीलदार ने पहुंचकर जांच करवाते हुए उचित न्याय देने का भरोसा दिलाया. महिलाओं ने कम राशि मिलने को लेकर लिखित में ज्ञापन भी सौंपा.

महिलाओं को काम के बदले मिल रहा कम भुगतान

कवाई ग्राम पंचायत में चल रहे मनरेगा में कार्य करने वाली करीब सैकड़ों के संख्या में एकत्रित हुई महिला मजदूरों ने कस्बे के बनारसी चौराहे पर नेशनल हाईवे सड़क को जाम कर दिया. महिलाएं मुख्य सड़क पर बैठ गई. इससे वाहनों का आवागमन बंद हो गया.

मनरेगा में कार्य करने वाली महिला मजदूर मजदूर रुकमणी, यशोदा, चंदाबाई, रामकन्या बाई, गिरजा बाई, पूजा पूजा सुमन, कमलाबाई, चंदाबाई, धापू बाई आदि महिलाओं ने बताया कि उन्हें जितना काम उतना दाम नहीं मिला है. 12 दिन तक मस्टररोल में उन्होंने काम किया. इसकी एवज में उन्हें अधिकतम 600 रुपए ही मिले हैं. महिलाओं का कहना है कि विरोध करने पर मेट उन्हें हटाने की धमकी भी देते हैं. वहीं उन्होंने मनरेगा में नाम लिखवाने के लिए ?50 देने का भी आरोप लगाया है. महिला मजदूरों ने बताया कि पिछले दिनों पूरी हुई 12 दिवसीय मस्टररोल के भुगतान में उन्हें 50 रुपए रोज के हिसाब से भुगतान मिला है.

महिलाओं ने प्लास्टिक के कट्टों को सिर पर लगाकर किया प्रदर्शन

उनका आरोप है कि जो मजदूर कार्य करने नहीं जाते, उन्हें अधिक भुगतान मिला. जबकि वह 12 दिन तक काम पर गई थी. उसके बाद भी 600 रुपए का ही भुगतान हुआ है. सड़क पर प्रदर्शन के दौरान अचानक हुई बारिश में भी महिलाएं सड़क पर ही बैठी रही. इस दौरान महिलाओं ने पानी से बचाव करने के लिए तगारी व प्लास्टिक के कट्टों को सिर पर लगा कर प्रदर्शन जारी रखा. थाना प्रभारी ने महिलाओं के साथ समझाइश करते हुए उन्हें लिखित में शिकायत देने व संबंधित अधिकारियों से वार्ता करने की बात कही ओर जाम खुलवाया.

महिलाओं ने पंचायत कार्यालय का किया घेराव
महिलाएं पंचायत कार्यालय पहुंच गई जहां सरपंच चंपालाल चंदेल का घेराव कर मनरेगा में हो रही लापरवाही को लेकर अवगत कराया. मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार मोहनलाल पंकज ने समझाइश के प्रयास किए. लिखित ज्ञापन लेने के बाद नायब तहसीलदार ने कार्रवाई का आश्वासन दिया तो वे मानी. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह फिर से प्रदर्शन करेंगी. मनरेगा लिपिक रमेश मीणा ने बताया कि रविवार को वह नरेगा कार्यस्थल पर निरीक्षण के लिए गए थे. इस दौरान जो भी मजदूर उन्हें वहां उपस्थित नहीं मिले, उनकी एब्सेंट लगाई थी.

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