अब अपराधियों की खैर नहीं, अजमेर पुलिस ने 850 वांछित अपराधियों को हिरासत में लिया, 500 स्थानों पर एक साथ दबिश
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अब अपराधियों की खैर नहीं, अजमेर पुलिस ने 850 वांछित अपराधियों को हिरासत में लिया, 500 स्थानों पर एक साथ दबिश

अब अपराधियों की खैर नहीं है. अजमेर पुलिस ने  850 वांछित अपराधियों को हिरासत मे लिया है.  500 स्थानों पर एक साथ पुलिस टीम ने दबिश दी है.

 

अब अपराधियों की खैर नहीं, अजमेर पुलिस ने  850 वांछित अपराधियों को हिरासत में लिया,  500 स्थानों पर एक साथ दबिश

Ajmer: राजस्थान पुलिस मुख्यालय की ओर से चलाए जा रहे वज्र प्रहार अभियान के तहत आज अजमेर रेंज स्तर पर कार्रवाई को अंजाम दिया गया. इसके तहत अजमेर जिला पुलिस की ओर से भी तमाम जिले के पुलिस थानों की ओर से अपने-अपने क्षेत्रों में धरपकड़ अभियान चलाया गया. जिसके तहत साढ़े 500 स्थानों पर एक साथ दबिश दी गई. जहां 850 वांछित और आदतन अपराधियों को हिरासत में लेते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई भी की गई.

इस दौरान जिला पुलिस की 175 टीमें बनाई गई. जिनके 900 से अधिक पुलिस के जवान और अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में अभियान चलाकर कार्रवाई को अंजाम दिया. मामले का खुलासा करते हुए अजमेर एसपी चुनाराम जाट ने अन्य पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में प्रेस वार्ता का आयोजन किया. उन्होंने बताया कि प्रदेश में ऑपरेशन वज्र प्रहार चलाया जा रहा है. इसके तहत हिस्ट्रीशीटर माफिया आदतन और वांछित अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है.

शनिवार रात को शुरू हुई इस कार्रवाई के दौरान साढ़े 5 सो स्थानों पर दबिश दी गई . इस दौरान 175 टीमों ने जिले में मौजूद हार्डकोर अपराधियों के ठिकानों पर दबिश देते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई को अंजाम दिया. उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान 118 हिस्ट्रीशीटर 12 स्थाई वारंटी के ठिकानों पर दबिश दी गई तो वहीं 70 प्रकरणों में वांछित अभियुक्तों को लेकर भी कार्रवाई की गई. इस मौके पर एनडीपीएस एक्ट आबकारी आर्म्स एक्ट सहित अलग-अलग मामलों में 700 व्यक्तियों को शांति भंग करने पर 151 की धारा में गिरफ्तार किया गया. साथ ही 54 प्रकरण आपराधिक कृत्य करने की दर्ज किए गए हैं.

जिनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है यह अभियान लगातार जारी है. एसपी ने बताया कि आमजन में विश्वास और अपराधियों में भय व्याप्त करने के इरादे से इस अभियान को चलाया जा रहा है जिससे की आम जनता का सीधा जुड़ाव पुलिस से हो सके और वह अलग-अलग घटनाओं को लेकर पुलिस को जानकारी देने में संकोच ना करें. मुखबिर तंत्र को मजबूत करने के साथ ही पुलिस की सहायता करने वाले संगठन बीच में अपनी अहम भूमिका निभा सके. 

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