20 साल बाद...जिस PM की बॉडी को कार्यालय में रखने नहीं दिया, उसी कांग्रेस ने नए ऑफिस में क्यों लगाई फोटो?
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20 साल बाद...जिस PM की बॉडी को कार्यालय में रखने नहीं दिया, उसी कांग्रेस ने नए ऑफिस में क्यों लगाई फोटो?

PV Narasimha Rao legacy in Congress HQ: पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की विरासत को आखिरकार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुख्यालय में जगह मिल गई है. वह भी उनकी मृत्यु के बीस साल बाद, कभी कांग्रेस कार्यालय में उनके पार्थिव शरीर को रखने की नहीं दी गई थी इजाजत. जानें विरासत में क्या है? और क्यों कांग्रेस ने बीस साल बाद अपने नए मुख्यालय में दी जगह.

20 साल बाद...जिस PM की बॉडी को कार्यालय में रखने नहीं दिया, उसी कांग्रेस ने नए ऑफिस में क्यों लगाई फोटो?

Congress New HQ: देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस का मुख्यालय करीब पांच दशक बाद बुधवार को ‘24 अकबर रोड’ से ‘9ए कोटला मार्ग’ पर नवनिर्मित ‘इंदिरा भवन’ में शिफ्ट हो गया. कांग्रेस ने अपने नए मुख्यालय का नाम भले ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर रखा है, लेकिन उसने इसमें पार्टी की स्थापना से लेकर अब तक के ऐतिहासिक घटनाक्रमों, प्रमुख नेताओं के योगदान और निर्णयों को चित्रों के माध्यम से सहेजा है. पार्टी की ओर से जारी नए मुख्यालय के वीडियो से पता चलता है कि कांग्रेस ने इस नए भवन में गांधी-नेहरू परिवार के साथ ही दूसरे नेताओं एवं उनके योगदान को पूरी तवज्जो देने का प्रयास किया है.

कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की विरासत को भी आखिरकार 20 साल बाद अपने राष्ट्रीय मुख्यालय में जगह दे दी है. दिसंबर 2004 में उनका निधन हो गया था. कांग्रेस पार्टी ने 24, अकबर रोड कार्यालय में राव की तस्वीरों को सख्ती से प्रतिबंधित कर रखा था, लेकिन  9ए, कोटला रोड या ‘इंदिरा भवन’ में नए कार्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री की कम से कम तीन तस्वीरें लगाई गई हैं, जिनके कार्यकाल में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत हुई थी.

पीवी नरसिम्हा की कौन सी लगी है फोटो?
एक ब्लैक एंड व्हाइट फोटो में राव बांस की कुर्सी पर बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं और दूसरी तस्वीर में राव तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा के साथ राष्ट्रपति भवन में दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति किम यंग सैम का स्वागत कर रहे हैं. राव दिवंगत पीएम राजीव गांधी के साथ एक ब्लैक एंड व्हाइट फोटो में भी दिखाई देते हैं, जब राजीव गांधी रक्षा मंत्री थे. उसी फ्रेम में युवा मनमोहन सिंह भी देखे जा सकते हैं.

पीवी नरसिम्हा के शव को रखने नहीं दिया?
कांग्रेस द्वारा राव को जानबूझकर न दिखाना अक्सर राजनीतिक लाइनों में विवाद का विषय बन जाता था. पार्टी ने नेहरू-गांधी परिवार के प्रधानमंत्रियों की प्रशंसा की थी, लेकिन उन्होंने राव के पार्थिव शरीर को 2004 में 24, अकबर रोड स्थित AICC कार्यालय में प्रवेश करने से रोक दिया था और उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में नहीं, बल्कि हैदराबाद में हुआ था, जबकि उनकी मृत्यु एम्स, नई दिल्ली में हुई थी.

बीजेपी लगाती रही आरोप
पिछले महीने, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस मुद्दे को उठाया था, जब कांग्रेस ने 26 दिसंबर, 2024 को दिवंगत हुए मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक की मांग की थी. भाजपा के गौरव भाटिया ने कांग्रेस नेता प्रियंका पर निशाना साधा था और उनसे राव के लिए कांग्रेस द्वारा बनाए गए ‘समाधि स्थल’ का पता साझा करने के लिए कहा था, उन्होंने कहा था कि वे उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एक साथ जाएंगे. “उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई. उनके परिवार से कहा गया कि वे उनका अंतिम संस्कार नई दिल्ली में न करें, बल्कि उनके पैतृक शहर में करें. क्या यह सम्मान है? मुझे यकीन है कि आप और राहुल गांधी अपनी मां श्रीमती सोनिया गांधी से ये कठिन सवाल पूछने का साहस जरूर जुटाएंगे. और हां, कृपया नरसिंह राव जी के लिए कांग्रेस द्वारा बनाए गए समाधि स्थल का पता साझा करें, हम साथ में श्रद्धांजलि देने जाएंगे. हमारी सरकार ने उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न देकर उनके योगदान का सम्मान किया है," भाटिया ने कहा था.

राव 1991 से 1996 के बीच प्रधानमंत्री थे
निश्चित रूप से, मनमोहन सिंह सहित कई कांग्रेस नेताओं ने भारतीय अर्थव्यवस्था में उदारीकरण के युग की शुरुआत करने के लिए राव के योगदान की सार्वजनिक रूप से सराहना की थी. राव 1991 से 1996 के बीच प्रधानमंत्री थे, और 1992 से 1994 के बीच कांग्रेस अध्यक्ष भी थे.

कांग्रेस का बदल गया कार्यालय
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बुधवार को ‘इंदिरा भवन’ का उद्घाटन किया. पिछले करीब पांच दशक से पार्टी का मुख्यालय ‘24 अकबर रोड’ था. अब मुख्य विपक्षी दल का नया मुख्यालय ‘9ए कोटला मार्ग’ पर बनाया गया है. इस भवन में एक भव्य पुस्तकालय बनाया गया है जिसका नामकरण ‘डॉक्टर मनमोहन सिंह पुस्तकालय’ किया गया है.

कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए यह फैसला किया है. सिंह का बीते 26 दिसंबर को निधन हो गया था. मुख्य विपक्षी दल के मुख्यालय में दाखिल होते ही कांग्रेस के पहले अध्यक्ष ब्योमेश चंद्र बनर्जी और वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की तस्वीरें लगाई गई हैं. इस पांच मंजिला भवन में कुल 246 दुर्लभ चित्र हैं जिनमें महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर, सुभाष चंद्र बोस, खान अब्दुल गफ्फार खां और स्वतंत्रता आंदोलन के कई नेताओं के चित्र शामिल हैं. इनमें उनके कथनों तथा योगदान का भी उल्लेख है.

इस भवन में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और उनके नारे ‘जय जवान, जय किसान’ को चित्रित किया है तो पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के उदारीकरण से जुड़े योगदान को दर्शाया गया है. इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते भारत की उपलब्धियों और राजीव गांधी के समय की सूचना प्रौद्योगिकी की क्रांति और शांति समझौतों का भी उल्लेख है.

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