PM Modi Gifted Sword: जयपुर में 9 दिसंबर को आयोजित राइजिंग राजस्थान समिट के उद्घाटन के खास मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पीएम मोदी को राजस्थानी परंपरा के अनुसार एक पारंपरिक साफा और खास चंदन की बनी तलवार भेंट की.
Trending Photos
PM Modi Gifted Sword: जयपुर में 9 दिसंबर को आयोजित राइजिंग राजस्थान समिट के उद्घाटन के खास मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पीएम मोदी को राजस्थानी परंपरा के अनुसार एक पारंपरिक साफा और खास चंदन की बनी तलवार भेंट की. यह तलवार न केवल राजस्थानी शिल्पकला की बारीकियों को उकेरती है, बल्कि इसका महाराणा प्रताप की वीरता और इतिहास से भी गहरा संबंध है. आइये आपको इस तलवार के बारे में विस्तार से बताते हैं..
कौन हैं इस तलवार के शिल्पकार?
यह अनूठी तलवार चूरू जिले के प्रसिद्ध कारीगर विनोद जांगिड़ ने बनाई है. उनकी कला में महाराणा प्रताप की वीरता और संघर्ष की गाथाओं को उकेरा गया है. चंदन की लकड़ी से बनी इस तलवार पर की गई नक्काशी में महाराणा प्रताप के जीवन की अलग-अलग झलकियां शामिल हैं. विनोद जांगिड़ और उनका परिवार अपनी बेजोड़ कारीगरी के लिए भारत और विदेशों में प्रसिद्ध है.
शिल्पकार विनोद जांगिड़ की उपलब्धियां
विनोद जांगिड़ को उनकी अनूठी कला के लिए कई बड़े सम्मान मिल चुके हैं. जिनमें राष्ट्रपति पुरस्कार, नेशनल मेरिट सर्टिफिकेट, स्टेट अवार्ड और शिल्प गुरु अवार्ड शामिल हैं. उनके परिवार की तीन पीढ़ियां पारंपरिक कारीगरी को आगे बढ़ा रही हैं. विनोद के भाई ओमप्रकाश जांगिड़ ने बताया कि यह तलवार बनाते समय इस्तेमाल होने वाली सामग्री भारत और विदेशों से मंगाई गई थी.
तलवार की खासियत: महाराणा प्रताप की गाथाएं
प्रधानमंत्री को भेंट की गई यह तलवार 40 इंच लंबी और 2.5 से 4.5 इंच चौड़ी है. इसे तैयार करने में दो साल का समय लगा. यह मैसूर के प्रसिद्ध चंदन की लकड़ी से बनी है. तलवार पर सात अलग-अलग खिड़कियां हैं, जिनमें महाराणा प्रताप के जीवन के खास पल उकेरे गए हैं.
पहली खिड़की: महाराणा प्रताप की अमिट वीरता को दर्शाती है.
दूसरी खिड़की: उनके घोड़े चेतक द्वारा नाले को पार करने का दृश्य.
तीसरी खिड़की: भामाशाह द्वारा जंगल में महाराणा प्रताप को दी गई आर्थिक मदद.
चौथी खिड़की: शिकार के दौरान महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह के बीच संघर्ष.
पांचवीं खिड़की: जंगल में घास की रोटी बनाते समय जंगली बिल्ली द्वारा उसे छीनने का दृश्य.
छठी खिड़की: चित्तौड़गढ़ के विजय स्तंभ की भव्यता.
सातवीं खिड़की: हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप द्वारा मान सिंह पर भाले से हमला करते हुए दिखाया गया है.
बेहद अनूठी है ये तलवार
इस तलवार में छह प्रमुख ब्लॉक और एक साइड विंडो है. हर विंडो में महाराणा प्रताप की वीरता के अलग-अलग प्रसंगों को बेहद बारीकी से दर्शाया गया है. यह तलवार न केवल कारीगरी का बेजोड़ उदाहरण है बल्कि महाराणा प्रताप की शौर्यगाथा को जीवंत रूप में पेश करती है.
क्या कहा प्रधानमंत्री मोदी ने..
प्रधानमंत्री मोदी ने तलवार को ध्यान से देखा और इसकी कारीगरी की तारीफ की. उन्होंने महाराणा प्रताप की वीरता की कहानियों को देखकर विनोद जांगिड़ के कौशल की सराहना की. यह तलवार न केवल महाराणा प्रताप के अदम्य साहस का प्रतीक है, बल्कि राजस्थान की परंपरा, इतिहास और शिल्पकला का गौरव भी है. इस तरह के अनोखे उपहार न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हैं, बल्कि देश को अपनी परंपराओं पर गर्व करने का अवसर भी देते हैं.