Indian Railway: दुनिया के चौथे और एशिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क के तौर पर भारतीय रेलवे का नाम लिया जाता है. यह रिकॉर्ड इंडियन रेलवे के नाम कई बरसों से है. भारतीय रेलवे में आज भी कई ऐसी ट्रेनें हैं, जो 15-20 नहीं बल्कि 150 से भी ज्यादा वर्ष से पटरियों पर भाग रही हैं. भले ही आज रेलवे में वंदे भारत जैसी सुपरफास्ट ट्रेनें आ चुकी हों लेकिन पुराने जमाने की ट्रेनों की बात ही कुछ और होती थी. आज हम आपको ऐसी ही कुछ पुरानी ट्रेनों के बारे में बताने जा रहे हैं.
कालका मेल
भारतीय रेलवे की हिस्ट्री की पुरानी ट्रेनों में से एक कालका मेल ने इसी वर्ष 156 साल पूरे किए हैं. 1 जनवरी 1866 से यह ट्रेन 1 अप और 3 डाउन नंबर प्लेट के साथ पटरियों पर उतरी थी. तब इसका नाम ईस्ट इंडियन रेलवे मेल था.
बॉम्बे पूना मेल
बॉम्बे-पूना मेल मुंबई-पुणे सेक्शन पर चलती थी. इसको 21 अप्रैल 1863 में पहली बार चलाया गया था. ये मुंबई से पुणे के बीच पहली इंटरसिटी ट्रेन थी. बॉम्बे-पूना मेल और डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस में कई साल तक मुंबई-पुणे के यात्रियों ने सफर किया.
ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस
इसका नाम भी भारत की सबसे पुरानी ट्रेनों में शुमार किया जाता है. ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस या जीटी एक्सप्रेस शुरुआत में पेशावर से मैंगलोर तक दौड़ती थी. इस यात्रा में करीब 104 घंटे लग जाते थे. जब दिल्ली-मद्रास मार्ग का आखिरी रास्ता यानी काजीपेट-बल्हारशाह सेक्शन बना, तब इस ट्रेन की शुरुआत की गई थी. बाद में ये ट्रेन लाहौर से मेट्टुपलायम तक चलने लगी.
फ्रंटियर मेल
भारत के बंटवारे की गवाह फ्रंटियर मेल भी है. पंजाब मेल शुरू होने के करीब 16 साल बाद यह ट्रेन दौड़ी थी. इसको 1 सितंबर 1928 को शुरू हुई यह ट्रेन अंग्रेजी राज में चलने वाली सबसे मशहूर ट्रेनों में से एक थी. जब देश को आजादी मिली तब यह मुंबई से दिल्ली होकर अमृतसर तक जाती थी. 1996 में इसका नाम गोल्डन टेंपल एक्सप्रेस हो गया. साल 1934 में यह ट्रेन एयर कंडीश्नर से लैस थी.
पंजाब मेल
1 जून 1912 को शुरू हुई यह ट्रेन 1 जून 2023 को 111 साल पूरे कर चुकी है. यह देश की सबसे पुरानी और लंबी दूरी तय करने वाली ट्रेनों में शुमार है. भारत जब गुलाम था, तब से आज तक ये ट्रेन यात्रियों को सफर करा रही है. ब्रिटिश काल में यह भारत की सबसे तेज दौड़ने वाली ट्रेन थी.
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