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Indian Army Weapon: भारत के इस हथियार से थर-थर कांपेगा चीन, जंग हुई तो दुनिया का कोई देश नहीं बचा पाएगा!

India China: साल 2020 में गलवान और उसके 30 महीने बाद अरुणाचल प्रदेश के तवांग में हुई झड़प के कारण भारत और चीन के संबंध तनाव भरे हो गए हैं. बॉर्डर पर चीन की नापाक हरकतों को देखते हुए भारतीय सेना पहले ही अलर्ट मोड में है. भारतीय सेना ने अपने फ्यूटर लाइट टैंक 'जोरावर' के लिए स्पेसिफिकेशंस जारी किए हैं. टैंक का नाम उस दिग्गज जनरल के नाम पर रखा गया है, जिसने तिब्बत में कई सफल जीत का नेतृत्व किया.

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साल 2020 में गलवान और उसके 30 महीने बाद अरुणाचल प्रदेश के तवांग में हुई झड़प के कारण भारत और चीन के संबंध तनाव भरे हो गए हैं. बॉर्डर पर चीन की नापाक हरकतों को देखते हुए भारतीय सेना पहले ही अलर्ट मोड में है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय इस हफ्ते के अंत में होने वाली बैठक में चीन सीमा पर हल्के टैंकों की तैनाती के लिए सेना के एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव को उठाएगा. 

 

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रक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में मेक इन इंडिया के तहत इनमें से 354 टैंकों को खरीदने के प्रस्ताव पर चर्चा होगी. भारतीय सेना ने अपने फ्यूटर लाइट टैंक 'जोरावर' के लिए स्पेसिफिकेशंस जारी किए हैं. टैंक का नाम उस दिग्गज जनरल के नाम पर रखा गया है, जिसने तिब्बत में कई सफल जीत का नेतृत्व किया.

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सेना के अधिकारियों ने कहा, मध्यम युद्धक टैंकों के सामने आने वाली बाधाओं को दूर करने और मैदानी, रेगिस्तानी और ऊंचाई वाले क्षेत्र में सभी इमरजेंसी के लिए भारतीय सेना को अब इससे लैस करने की जरूरत है. जोरावर टैंक की खास बात ये है कि ये अत्याधुनिक लाइट टैंक है. ये आमर्ड फाइटिंग व्हीकल है. इसे ऐसा बनाया जाएगा कि इसके कवच पर किसी भी तरह के हथियार का असर ना हो. इसके अंदर बैठे लोग सुरक्षित रहे और मारक क्षमता घातक हो. इस टैंक को डीआरडीओ ने डिजाइन किया है. रिपोर्ट के मुताबिक अगले दो साल में इसका प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा. 

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भारतीय सेना को ऑपरेशन एरिया में पर्याप्त संख्या में टी 72 और टी 90 टैंकों को शामिल करना पड़ा है. हालांकि इन टैंकों को मुख्य रूप से मैदानी इलाकों और रेगिस्तानी इलाकों में ऑपरेशन के लिए डिजाइन किया गया था. एक अधिकारी ने कहा, कच्छ के रण के सीमांत इलाके में कार्यरत होने पर उन्हें बाधाओं का सामना करना पड़ा था. 

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दूसरी ओर, सीमा सड़क संगठन (BRO) सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ प्रमुख ढांचागत विकास कार्यों में लगा हुआ है और सरकार ने अरुणाचल प्रदेश के सभी सीमावर्ती गांवों में सड़क बनाने की योजना बनाई है. 

 

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सड़क संपर्क के अलावा बीआरओ अरुणाचल के तवांग और पश्चिम कामेंग जिलों में दो महत्वपूर्ण सुरंगों का निर्माण भी कर रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के लिए भारतीय सुरक्षाबलों के लिए गेमचेंजर साबित होगा. 

 

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