Jammu-Kashmir: कश्मीर में आतंक के खिलाफ अब डिजिटल जंग.. सुरक्षाबलों ने बढ़ाई साइबर निगरानी
Advertisement
trendingNow12555818

Jammu-Kashmir: कश्मीर में आतंक के खिलाफ अब डिजिटल जंग.. सुरक्षाबलों ने बढ़ाई साइबर निगरानी

Jammu-Kashmir News: कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अब सिर्फ बंदूक और विस्फोटों तक सीमित नहीं है. आतंकियों की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए अब डिजिटल स्पेस में मोर्चा संभाला जा रहा है.

Jammu-Kashmir: कश्मीर में आतंक के खिलाफ अब डिजिटल जंग.. सुरक्षाबलों ने बढ़ाई साइबर निगरानी

Jammu-Kashmir News: कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अब सिर्फ बंदूक और विस्फोटों तक सीमित नहीं है. आतंकियों की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए अब डिजिटल स्पेस में मोर्चा संभाला जा रहा है. सुरक्षा बलों ने आतंकवादी संगठनों के दुष्प्रचार को रोकने और युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से बचाने के लिए डिजिटल तकनीकों का सहारा लिया है.

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय आतंकी संगठन

प्रतिबंधित आतंकी संगठनों ने अपने पुराने नाम बदलकर नए नामों के साथ डिजिटल स्पेस में उपस्थिति दर्ज की है. इनमें द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ), पीपुल्स एंटी-फासीस्ट फ्रंट (पीएएफएफ), कश्मीर टाइगर्स और मुस्लिम जांबाज फोर्स जैसे नाम शामिल हैं. ये संगठन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर राष्ट्रविरोधी दुष्प्रचार फैलाने और युवाओं को गुमराह करने का काम कर रहे हैं. उनकी कोशिश रहती है कि कट्टरपंथी सामग्री के जरिए अधिक से अधिक युवाओं को अपनी तरफ खींचा जाए.

सुरक्षा बलों की साइबर निगरानी

सुरक्षा बलों ने इन डिजिटल गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए साइबर सेल का गठन किया है, जो 24x7 सोशल मीडिया की निगरानी करती है. पुलिस ने अब तक 150 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक किया है. हालांकि, हर बार नया अकाउंट बनाकर आतंकी संगठन फिर से सक्रिय हो जाते हैं. ज्यादातर ये लोग ट्विटर, टेलीग्राम और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं और वीपीएन (VPN) का सहारा लेकर अपनी पहचान छिपाते हैं.

डिजिटल अभियान से मिली बड़ी सफलता

सुरक्षा बलों के इस डिजिटल अभियान का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि स्थानीय युवाओं की आतंकी संगठनों में भर्ती में भारी गिरावट आई है. आईजी बीएसएफ के मुताबिक, अब कश्मीर में केवल 16-17 स्थानीय युवा आतंकी संगठनों में सक्रिय हैं. यह संख्या अब तक के सबसे निचले स्तर पर है.

तकनीक का उन्नत इस्तेमाल

डिजिटल निगरानी को और बेहतर बनाने के लिए साइबर सेल लगातार नई तकनीकों को अपना रही है. यह टीम न केवल सोशल मीडिया पर आतंकी संगठनों के प्रचार पर नजर रखती है, बल्कि उन्हें रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई भी करती है. पुलिस का दावा है कि सोशल मीडिया पर सख्ती और लगातार निगरानी के चलते आतंकवाद से जुड़ी अन्य राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर भी लगाम लगी है.

युवाओं और अभिभावकों को जागरूक करने की पहल

सुरक्षा बल सिर्फ निगरानी ही नहीं कर रहे, बल्कि स्कूलों और कॉलेजों में जाकर युवाओं और उनके अभिभावकों को ऑनलाइन कट्टरपंथ के खतरों के बारे में जागरूक भी कर रहे हैं. पब्लिक आउटरीच कार्यक्रमों के जरिए यह समझाने की कोशिश की जा रही है कि कैसे सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल युवाओं को आतंक की ओर धकेल सकता है.

डिजिटल जंग में सुरक्षाबलों की जीत

सुरक्षा बलों ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आतंकियों के खिलाफ बड़ी कामयाबी हासिल की है. यह अभियान न केवल युवाओं को सही रास्ता दिखाने में मदद कर रहा है, बल्कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करने में भी अहम भूमिका निभा रहा है. कश्मीर में डिजिटल मोर्चे पर जारी यह जंग एक बड़ी जीत की ओर बढ़ रही है.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news