Indian Light Tank News: DRDO द्वारा डिजाइन किए गए भारतीय हल्के टैंक (ILT) का दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में टेस्ट चल रहा है. 4,200 मीटर से अधिक ऊंचाई पर इसने गोलों की बौछार से इलाके को थर्रा दिया.
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Indian Light Tank: भारतीय लाइट टैंक (ILT) ने एक अहम मुकाम हासिल किया है. 4,200 मीटर से अधिक ऊंचाई पर, हाई-ऑल्टिट्यूड वाली लोकेशन पर इसने दनादन गोले दागे. अलग-अलग रेंज पर फायरिंग कर इस हल्के टैंक की कुशलता जांची गई. अभी तक ये टैंक हर पैमाने पर खरा उतारा है. इससे पहले, सितंबर 2024 में इसका रेगिस्तानी इलाके में ट्रायल किया जा चुका है. इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने डिजाइन और डेवलप किया है. इन टैंकों के प्रोटोटाइप लार्सन एंड टूब्रो (L&T) ने तैयार किए हैं.
ऊंचाई वाले इलाकों में चीन-पाक से निपटेगा यह टैंक
DRDO की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, ILT को ऊंचे इलाकों में सशस्त्र बलों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. 25 टन वजनी यह टैंक एक बख्तरबंद लड़ाकू वाहन के रूप में डिजाइन किया गया है. तीन साल के भीतर ही हाई-ऑल्टिट्यूड वाले इलाकों में इसका परीक्षण पूरा कर लिया गया है.
#WATCH | Indian Light Tank (ILT) has achieved a major milestone by firing a number of rounds at different ranges at an altitude of more than 4200m, at a High Altitude Location with consistently accurate results. This was subsequent to the Phase I trial in desert environment in… pic.twitter.com/x7a6qEQG6X
— ANI (@ANI) December 12, 2024
भारतीय वायुसेना (IAF) पहले ही भारतीय लाइट टैंक (ILT) को एयरलिफ्ट कर ले जाने का प्रदर्शन कर चुकी है. यानी इसे दूरदराज के उन दुर्गम इलाकों में आसानी से तैनात किया जा सकता है जहां सड़क या रेल से पहुंचना मुश्किल है. भारत के पहाड़ी क्षेत्रों की सीमाएं चीन और पाकिस्तान से लगती हैं, ऐसे में यह उनके खिलाफ 'डिटरेंट' यानी निवारक का काम करेगा.
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हल्के टैंक के हाई-ऑल्टिट्यूड में सफल टेस्ट के लिए DRDO, भारतीय सेना, IAF और L&T को बधाई दी है. इस हल्के टैंक को DRDO की चेन्नई स्थित प्रयोगशाला कॉम्बैट व्हीकल्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है. इसका निर्माण इंडस्ट्री पार्टनर, लार्सन एंड टुब्रो प्रिसिजन इंजीनियरिंग एंड सिस्टम्स ने किया है.