NEET-UG विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने राहत की सांस ली है. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि विवादों में घिरी परीक्षा से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ‘सत्य की जीत’ हुई. उन्होंने विपक्ष पर अराजकता और अशांति पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया. प्रधान ने यहां तक कहा कि विपक्ष को छात्रों और उनके अभिभावकों को गुमराह करने के लिए उनसे माफी मांगनी चाहिए. मंत्री ने बताया है कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) दो दिन में नीट-यूजी के अंतिम परिणाम घोषित करेगी. उन्होंने कहा कि परीक्षा की मेरिट सूची में शीर्ष अदालत की टिप्पणियों के अनुसार संशोधन किया जाएगा. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा है.
- सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 के असफल अभ्यर्थियों को बड़ा झटका देते हुए उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें विवादों में घिरी इस परीक्षा को रद्द कर दोबारा आयोजित कराने की मांग की गई थी.
- कोर्ट ने कहा कि इसकी शुचिता से समझौता होने और दूसरी गड़बड़ियों को दिखाने वाली कोई सामग्री रिकॉर्ड में नहीं है. कोर्ट का यह अंतरिम फैसला है, बाद में विस्तृत फैसला सुनाया जाएगा.
- इस अंतरिम फैसले से केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी यानी NTA दोनों को बड़ी राहत मिली है, जो 5 मई को हुई परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक सहित बड़े पैमाने पर कथित गड़बड़ी को लेकर सड़क से संसद तक कड़ी आलोचना और विरोध का सामना कर रही हैं.
- सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी से कहा कि वह भौतिकी के एक विवादास्पद प्रश्न के लिए आईआईटी-दिल्ली के तीन विशेषज्ञों की समिति द्वारा सुझाए उत्तर को सही मानकर अपनी मेरिटी सूची में संशोधन करे. एनटीए ने दोनों विकल्पों को भौतिकी के प्रश्न का सही उत्तर माना था और इन विकल्पों पर निशान लगाने वाले परीक्षार्थियों को चार अंक दिए थे.
- अब केवल उन छात्रों को प्रश्न के लिए चार अंक मिलेंगे, जिनके उत्तर आईआईटी-दिल्ली द्वारा दिए गए उत्तर से मेल खाते हैं जबकि चार लाख से अधिक ऐसे नीट अभ्यर्थी, जिन्होंने एनसीईआरटी की पुरानी पाठ्यपुस्तक के अनुसार दूसरे विकल्प का उत्तर दिया था, उन्हें पांच अंक का नुकसान होगा. ऐसे में उनकी रैंक में फेरबदल होगा.
- IIT दिल्ली के तीन विशेषज्ञों की समिति ने उच्चतम न्यायालय को बताया है कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी 2024’ में पूछे गए भौतिकी के एक विवादास्पद प्रश्न का केवल एक ही सही उत्तर था, न कि दो.
- शीर्ष रैंक पाने वालों में से एक की ओर से पेश वकील तन्वी दुबे ने कहा कि छात्रा ने 720 में से 720 अंक प्राप्त किए हैं और अगर केवल एक उत्तर को सही माना जाता है तो उसकी रैंक काफी नीचे चली जाएगी. उन्होंने कहा कि दोनों उत्तरों को सही माना जाना चाहिए. पीठ ने दलील खारिज कर दी.
- शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि केंद्र सरकार कहती रही है कि बड़े पैमाने पर लीक नहीं हुआ है और सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे बरकरार रखा है. उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी तरह की चूक को बर्दाश्त नहीं करेगी और परीक्षाओं की शुचिता हमारे लिए सर्वोच्च है.
- शिक्षा मंत्री ने देश की परीक्षा प्रणाली को ‘बकवास’ कहने के लिए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की भी आलोचना की और कहा कि उन्हें और विपक्ष को छात्रों और उनके अभिभावकों से माफी मांगनी चाहिए.