Congress Vs Akhilesh Yadav: अखिलेश यादव और कांग्रेस अब जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर एक-दूसरे पर हमलावर हैं. जानिए जब दोनों पार्टियां जातिगत जनगणना के पक्ष में हैं तो ये विवाद क्यों हो रहा है.
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Akhilesh Yadav Statement: समाजवादी पार्टी (SP) और कांग्रेस (Congress) के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं. सपा चीफ अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और कांग्रेस लगातार एक-दूसरे पर हमला बोल रहे हैं. यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के एक बयान से शुरू हुई तल्खी अब जाति जनगणना तक पहुंच गई है. एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ भी अखिलेश यादव पर तंज कस चुके हैं. इसके जवाब में अखिलेश भी लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं. अखिलेश यादव ने इस बार जातीय जनगणना को मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है. जातीय जनगणना की मांग तो अब तक सपा और कांग्रेस दोनों कर रहे हैं लेकिन अब इस पर दोनों क्यों आमने-सामने आ गए हैं?
जातीय जनगणना पर कांग्रेस-सपा क्यों आमने-सामने?
अखिलेश यादव ने कहा कि यह वही कांग्रेस पार्टी है जिसने जाति जनगणना के आंकड़े नहीं दिए थे. यह एक 'चमत्कार' ही है क्योंकि अब हर कोई जानता है कि जब तक आपको पिछड़ी जातियों का समर्थन नहीं मिलेगा तब तक आप कामयाब नहीं होंगे. यह एक चमत्कार ही कह सकते हैं कि अब कांग्रेस पार्टी जाति जनगणना चाहती है. दरअसल, कांग्रेस पार्टी को अब पता चल गया है कि जिस वोट की उन्हें तलाश थी वह अब उनके साथ नहीं है.
जातिगत जनगणना क्यों बनी मजबूरी?
सपा चीफ अखिलेश यादव ने कहा कि सबको एहसास हो गया है जब तक पिछड़े, दलित और आदिवासी अल्पसंख्यक भाइयों का साथ नहीं लेंगे तब तक कामयाब नहीं होंगे. आपने देखा होगा कि प्रधानमंत्री खुद कहते हैं कि हम पिछड़े हैं. अगर पिछड़े, दलित, आदिवासी और अगड़े भी अगर जाति जनगणना मांग रहे हैं तो उसमें क्या बात है.
अजय राय पर अखिलेश का हमला
वहीं, अजय राय पर अखिलेश यादव ने कहा कि जिन लोगों की आप बात कर रहे हैं जब इंडिया गठबंधन की बैठक हुई थी तो उन लोगों की कुर्सी तक नहीं थी. वहीं, कमलनाथ के बयान को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि वह उलझन में नहीं फंसना चाहते हैं और जिनके नाम में कमल हो वह अखिलेश ही कहेंगे, वखिलेश नहीं कहेंगे.
कांग्रेस-सपा में क्यों बढ़ी तल्खी?
बता दें कि इससे पहले अजय राय ने कहा था कि घोसी के उपचुनाव में कांग्रेस ने सपा को सपोर्ट किया था लेकिन उत्तराखंड में इन्होंने क्या किया. इन लोगों ने अपना प्रत्याशी उतारकर बीजेपी को जितवा दिया. ये एमपी में भी बीजेपी को जितवाना चाहते हैं. एमपी में आपको मन बड़ा करके कांग्रेस को सपोर्ट करना चाहिए. मध्य प्रदेश का वोटर चुनाव निशान हाथ का पंजा जानता है पर साइकिल को नहीं. वहीं, अखिलेश को लेकर सवाल पूछे जाने पर कमलनाथ ने कहा था कि छोड़िए अखिलेश, वखिलेश.
दरअसल, सपा और कांग्रेस के बीच ये खटास एमपी चुनाव की वजह से आई है. यहां दोनों पार्टियों में सीट शेयरिंग को लेकर बात नहीं बन पाई है. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर धोखे का आरोप लगाया है. अखिलेश यादव ने कहा कि जब इंडिया गठबंधन हुआ था तब उन्हें पता नहीं था कि ये गठबंधन सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर है. राज्य स्तर पर इसको लागू नहीं किया जाएगा.