India Bangladesh Border: जिसे डेड समझ रहे थे यूपी के घरवाले, वह बांग्लादेश बॉर्डर पर गीली मिट्टी में गणित सॉल्व करता मिला
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India Bangladesh Border: जिसे डेड समझ रहे थे यूपी के घरवाले, वह बांग्लादेश बॉर्डर पर गीली मिट्टी में गणित सॉल्व करता मिला

Gorakhpur Missing Teacher: भारत बांग्लादेश सीमा वह शख्स अजीब हरकतें कर रहा था. लोगों ने कुछ पूछना चाहा तो बोला कि हमें छोड़ दो, गणित सॉल्व करना है. एक रेडियो क्लब के लोगों ने उससे बात करना शुरू किया तो गोरखपुर के बारे में बात पता चली. इसके बाद वह गणित का टीचर कई साल के बाद घरवालों से मिल सका. 

India Bangladesh Border: जिसे डेड समझ रहे थे यूपी के घरवाले, वह बांग्लादेश बॉर्डर पर गीली मिट्टी में गणित सॉल्व करता मिला

घरवाले उसे ढूंढ तो रहे थे लेकिन मन में कहीं ये बात भी घर कर रही थी कि अब शायद वह इस दुनिया में नहीं है. उसे लापता हुए कई साल हो चुके थे. कुछ घंटे पहले पिता को खबर मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. ये कहानी है भारत और बांग्लादेश बॉर्डर की, जिसकी चर्चा आजकल आप काफी सुन रहे हैं. हालांकि ये मामला थोड़ा अलग है. 

गीली मिट्टी में गणित

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24-परगना में पेत्रपोल सीमा पर फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण है. बांग्लादेश के राजनीतिक संकट के बाद से बॉर्डर के दोनों तरफ हलचल है और लोग जमा हैं. कुछ दिन पहले स्थानीय लोगों ने पेत्रपोल बाजार के पास एक पेड़ के नीचे गीली मिट्टी में लकड़ी से एक शख्स को मैथ सॉल्व करते देखा. 

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उस शख्स के कपड़े गंदे थे और देखने से वह 35-40 साल का लग रहा था. उसके बारे में लोगों ने पुलिस को सूचना दी. पड़ताल करने पर पता चला कि उस व्यक्ति की मानसिक स्थिति अच्छी नहीं है. वह यूपी के गोरखपुर के मैथ टीचर थे. उनका नाम अमित कुमार प्रसाद था, जो कई साल से लापता हैं. 

पिता के छलके आंसू

स्थानीय पुलिस ने Ham रेडियो के लोगों की मदद से प्रसाद को उनके घरवालों से फिर मिलाया. उनके पिता गामा प्रसाद गोरखपुर से अपने रिश्तेदारों को लेकर पेत्रपोल थाने आए थे. देखते ही उनके आंसू छलक पड़े. 

परिवार के लोगों ने बताया कि लापता होने से पहले प्रसाद कई साल अपने गृह नगर के एक स्कूल में गणित पढ़ाते थे. गामा प्रसाद ने कहा, 'स्कूल में छात्रों को पढ़ाने के अलावा, मेरे बेटे ने कम से कम पांच पड़ोसी गांवों में गरीब परिवारों के 250 से ज्यादा बच्चों को मुफ्त में गणित पढ़ाया. गणित के लिए उसका प्रेम बचपन से ही शुरू हो गया था और उसने जल्दी ही पढ़ाना शुरू कर दिया था. बाद में, वह एक मानसिक बीमारी से पीड़ित हो गया और लापता हो गया. हमने काफी समय तक उसकी तलाश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.'

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पिता ने कहा कि हमने कभी उम्मीद नहीं की थी कि इतने साल वह जीवित रहेगा. 

जब लोगों ने पूछा तो बोले, गणित हल करना है

रेडियो के परिमल रॉय ने मीडिया को बताया, 'स्थानीय लोगों ने उन्हें (टीचर) गीली मिट्टी पर गणित के फॉर्मूले लिखते और समीकरण सॉल्व करते देखा. पहचान पूछी पर जवाब नहीं मिला. आगे पूछा गया तो उन्होंने हिंदी में कहा कि अकेला छोड़ दीजिए, मुझे गणित हल करना है.' इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. गणित के इस टीचर के घर पर जश्न का माहौल है. 

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