India-China Relations: भारत और चीन के बीच जारी रिश्तों को लेकर गुड न्यूज आई है. रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय विदेश मंत्री और चीनी विदेश मंत्री के बीच एक अहम मीटिंग हुई. इस मीटिंग के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द दोनों देश आगे की रणनीतियों पर काम करेंगे.
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India China Relations: भारत और चीन के बीच संबंधों में आई नरमी के बीच दोनों देशों ने करीब पांच साल के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर चर्चा की है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की, जहां उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भारत-चीन संबंधों में अगले कदमों पर चर्चा की. सोशल मीडिया पर प्लेटफॉर्म एक्स पर पहले की एक पोस्ट में जयशंकर ने कहा था कि दोनों नेताओं ने 'भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में हाल ही में सैनिकों की वापसी में हुई प्रगति पर गौर किया और हमारे दोतरफा संबंधों में अगले कदमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. वैश्विक स्थिति पर भी चर्चा की.'
इसके अलावा विदेश मंत्रालय मुताबिक, दोनों मंत्रियों ने महसूस किया कि यह जरूरी है कि ध्यान संबंधों को स्थिर करने, आपसी मतभेदों को दूर करने और अगले कदम उठाने पर केंद्रित होना चाहिए. पूर्वी लद्दाख में LAC पर देपसांग और डेमचोक में फौजियों की वापसी का अमल पूरा होने के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहली उच्च स्तरीय मीटिंग थी. विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने माना कि सरहदी इलाकों में फौजियों की वापसी से शांति और सौहार्द बनाए रखने में मदद मिली है. मंत्रालय ने कहा,'चर्चा भारत-चीन संबंधों में अगले कदमों पर केंद्रित थी. इस बात पर सहमति बनी कि विशेष प्रतिनिधियों और विदेश सचिव-उपमंत्री तंत्र की बैठक जल्द ही होगी.' मंत्रालय ने कहा,'जिन कदमों पर चर्चा की गई उनमें कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करना, सरहद पार की नदियों पर आंकड़े साझा करना, भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें और मीडियाकर्मियों की परस्पर आवाजाही शामिल थे.'
On the sidelines of the G20 Summit in Rio, met CPC Politburo member and FM Wang Yi of China.
We noted the progress in the recent disengagement in the India-China border areas. And exchanged views on the next steps in our bilateral ties.
Also discussed the global situation. pic.twitter.com/fZDwHlkDQt
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 19, 2024
कोरोना महामारी के चलते भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें और कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा बंद कर दी गयी थी. विदेश मंत्रालय के मुताबिक बैठक में जयशंकर ने वांग को बताया कि भारत प्रभुत्व स्थापित करने के लिए एकतरफा नजरिये के खिलाफ है और वह अपने संबंधों को अन्य देशों के चश्मे से नहीं देखता है. मंत्रालय ने कहा,'वैश्विक स्थिति और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन के बीच मतभेद और समानताएं दोनों हैं. हमने ब्रिक्स और एससीओ ढांचे में रचनात्मक रूप से काम किया है.'बयान में कहा गया कि विदेश मंत्री वांग यी ने जयशंकर के साथ सहमति जताते हुए कहा कि भारत-चीन संबंधों का दुनिया की राजनीति में खास महत्व है.
यह माना जाता है कि दोनों पक्ष विभिन्न वार्ता तंत्रों को पुनर्जीवित करने की प्रक्रिया में हैं, जिसमें सीमा विषय पर विशेष प्रतिनिधि वार्ता भी शामिल है, जैसा 23 अक्टूबर को रूसी शहर कजान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई मीटिंग में तय किया गया था. डेमचोक और देपसांग में पीछे हटने के लिए दोनों पक्षों के बीच 21 अक्टूबर को सहमति बनने के कुछ दिनों बाद, भारतीय और चीनी सेनाओं ने यह प्रक्रिया पूरी कर ली, जिससे दोनों टकराव वाली जगहों पर चार साल से ज्यादा समय से चल रहा गतिरोध लगभग समाप्त हो गया. दोनों पक्षों ने लगभग साढ़े चार वर्षों के बाद इन इलाकों में गश्त गतिविधियां फिर से शुरू कर दी हैं.
वार्ता में अपने शुरुआती भाषण में जयशंकर ने 23 अक्टूबर को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी और शी के बीच हुई बैठक का जिक्र किया. उन्होंने कहा,'कजान में हमारे नेता 21 अक्टूबर की सहमति को ध्यान में रखते हुए हमारे रिश्तों में अगले कदम उठाने पर आम सहमति पर पहुंचे. मुझे यह जानकर खुशी हुई कि जमीनी स्तर पर उस सहमति का देखने को मिला है. इसके अलावा विदेश मंत्री ने यह भी कहा,'हमारे नेताओं ने निर्देश दिया है कि विदेश मंत्रियों और विशेष प्रतिनिधियों को जल्द से जल्द मिलना चाहिए. इस दिशा में कुछ प्रगति हुई है, कुछ चर्चाएं हुई हैं.'
(इनपुट-भाषा)