J&k: पुंछ में तगड़ी हलचल..महबूबा मुफ्ती धरने पर बैठ गईं, आखिर पुलिस पर क्यों लगाए ये आरोप?
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J&k: पुंछ में तगड़ी हलचल..महबूबा मुफ्ती धरने पर बैठ गईं, आखिर पुलिस पर क्यों लगाए ये आरोप?

JK Police: पुंछ में सुरक्षा कारणों से पुलिस द्वारा रोके जाने पर महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि बीजेपी अध्यक्ष रविंदर रैना यहां आ सकते हैं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता आ सकते हैं लेकिन वे हमें कहते हैं कि यहां कुछ खतरा है.

J&k: पुंछ में तगड़ी हलचल..महबूबा मुफ्ती धरने पर बैठ गईं, आखिर पुलिस पर क्यों लगाए ये आरोप?

Mehbooba Mufti stopped In Poonch: जम्मू-कश्मीर के पुंछ से एक हैरान कर देने वाला नजारा सामने आया है. पूर्व मुख्यमंत्री और PDP चीफ महबूबा मुफ्ती धरने पर बैठ गई हैं. इसका कारण यह है कि सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पुलिस ने उन्हें रोक दिया है. यह सब तब हुआ जब पुंछ में मारे गए 3 सिविलियिन के परिवार से मिलने शनिवार को वे अपने लाव लश्कर के साथ निकली थीं, उनका काफिला रोक लिया गया. पुलिस ने पुंछ के बाफलियाज में ही उन्हें जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रोक दिया. इसके बाद वो डीकेजी रोड पर ही धरने पर बैठ गईं. इस दौरान उनकी पार्टी के कई अन्य नेता भी मौजूद रहे. रोके जाने पर उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं.

मृतकों के परिवार से मिलने जा रही थीं
असल में जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सुरक्षा कारणों से पुलिस द्वारा रोके जाने पर महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि बीजेपी अध्यक्ष रविंदर रैना यहां आ सकते हैं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता आ सकते हैं लेकिन वे हमें कहते हैं कि यहां कुछ खतरा है. मुझे लगता है कि यहां सबसे बड़ा खतरा यही लोग हैं. वे नहीं चाहते कि हम उन परिवारों से मिलें. आज हमें हमारी जमीनों से खदेड़ा जाता है. मैं रात भर यहीं बैठूंगी. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आर्मी वाले मार कर चले जाते हैं जबकि आर्मी वाले निर्दोष लोकल लोगों को मार देते हैं. वो मृतकों के परिवार से मिलने नहीं देना चाह रहे हैं कुछ छिपाने की कोशिश हो रही है.

21 दिसंबर को पुंछ में हुई थी घटना
मामला यह था कि 21 दिसंबर को पुंछ के सुरनकोट इलाके में आतंकवादियों द्वारा सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले में चार सैनिक मारे गए और तीन अन्य घायल हो गए. इसके बाद तीन नागरिकों  सफीर हुसैन (43), मोहम्मद शौकत (27) और शब्बीर अहमद (32) को सेना ने बाद में पूछताछ के लिए उठाया तो अगले दिन वे मृत पाए गए. इसके बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पिछले हफ्ते मृत नागरिकों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी देने की घोषणा की थी और कहा था कि चिकित्सा-कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं और इस मामले में उचित प्राधिकारी द्वारा कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

मामला काफी गरमाया हुआ है
इसके अलावा सेना ने तीन नागरिकों की मौत की गहन आंतरिक जांच का आदेश भी दिया है और कहा है कि वह जांच में पूर्ण समर्थन और सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इस घटना के बाद से ही तीन दिनों से जिले की सुरनकोट तहसील के देहरागली टोपीपीर में नेताओं का आना-जाना लगा हुआ है. इसी कड़ी में जब पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती भी वहीं जा रही थीं लेकिन उन्हें आगे बढ़ने से रोका तो वह वहीं धरने पर बैठ गईं. उन्होंने कहा कि बाकी नेताओं को आगे क्यों जाने दिया जा रहा है, उनको क्यों नहीं रोका जा रहा है. उनका आरोप है कि मुझे इसलिए रोका गया क्योंकि मेरे जाने से इनकी पोल खुल जाएगी.

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