Manish Sisodia Latest News: दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया कई महीने बाद अब जेल से बाहर आ चुके हैं. लेकिन उनकी रिहाई से आम आदमी पार्टी को फायदा होने जा रहा है या नुकसान. यह सवाल इन दिनों राजनीतिक जगत में लगातार चल रहा है.
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Manish Sisodia's statement on BJP: आम आदमी पार्टी में नंबर-2 की हैसियत रखने वाले मनीष सिसोदिया अब तिहाड़ जेल से बाहर आ चुके हैं. सिसोदिया की वापसी से आम आदमी पार्टी खेमे में जश्न है. उनके लिए जगह-जगह स्वागत कार्यक्रम किए जा रहे हैं और देशभक्ति के गीत बजाए जा रहे हैं. पार्टी के कार्यकर्ता तालियां बजा रहे हैं और मंच पर AAP नेता सिसोदिया से गले मिल रहे हैं.
दिल्ली और हरियाणा में कैसा रहेगा हाल?
सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत इस बात का संकेत है कि आने वाला हरियाणा और दिल्ली विधानसभा चुनाव काफी रोचक होने वाला है. केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद सुस्त पड़ चुके कैडर को मानों बुस्टर डोज मिल गया है.
करप्शन के आरोप में फंसी आम आदमी पार्टी के सामने हरियाणा और दिल्ली का चुनाव पहला LITMUS TEST होगा. मंच पर सिसोदिया ने इन दोनों चुनाव को लेकर लकीर खींच दी. चुनाव को लोकतंत्र वर्सस तानाशाही का सबसे बड़ा मुकाबला बताया. विपक्षी दलों से साथ आने की अपील की.
इन मुद्दों पर लड़ सकती है AAP
यानी कि चेहरा अरविंद केजरीवाल का होगा, जबकि मुद्दा भ्रष्टाचार और षड़यंत्र का होगा और टक्कर सीधे सीधे बीजेपी से. सिसोदिया ने रिहाई के अगले ही दिल्ली के बदलापुर के लिए प्लेग्राउंड तैयार कर दिया. खुद सेंटर फॉरवार्ड पर खड़े होकर बीजेपी से मुकाबले का खुला ऐलान कर दिया.
हालांकि सिसोदिया का पार्टी और सरकार में क्या रोल होगा, ये अब तक साफ नहीं. लेकिन पार्टी में सिसोदिया की अहमियत को आतिशी के आंसुओं से भी समझा जा सकता है. पिछले 24 घंटों में जो कुछ हुआ, वो ये बताने के लिए काफी है कि अब आम आदमी पार्टी दिल्ली विधानसभा में पूरी ताकत के साथ उतरेगी. लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी को सिसोदिया की रिहाई का कितना फायदा मिलेगा.
सिसोदिया को जमानत से AAP पर कितना असर?
दिल्ली सरकार में भी सिसोदिया के रोल पर अभी सस्पेंस बरकरार है. हालांकि जानकार बताते हैं कि सिसोदिया के लिए दिल्ली सरकार में वापसी की राह इतनी आसान नहीं होने वाली है. दरअसल, 28 फरवरी 2023 को मनीष सिसोदिया ने डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दिया था. अब फिर से मंत्री बनने के लिए केजरीवाल को उनके नाम का प्रस्ताव LG को भेजना होगा, जिसे LG अंतिम मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजेंगे और राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद ही मंत्री पद पर नियुक्ति हो पाएगी.
बहरहाल, एक बात तो साफ है कि शराब घोटाले की वजह से AAP को और सिसोदिया की जमानत की वजह से बीजेपी को हरियाणा और दिल्ली चुनाव में और अधिक मेहनत करनी होगी. अब यहां ये समझना बेहद जरूरी है कि आखिर मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी को क्या नुकसान और क्या फायदा होगा.
हमदर्दी कार्ड खेल सकती है पार्टी!
सिसोदिया के बाहर आने से पार्टी को नेतृत्व मिला लेकिन सवाल है कि क्या इससे पार्टी में गुटबाजी शुरू नहीं होगी? आम आदमी पार्टी अपने नेताओं के खिलाफ षड़यंत्र का आरोप लगाकर SYMPATHY कार्ड खेल सकती है. लेकिन शराब घोटाले के दाग को धोना आसान नहीं होगा.
सिसोदिया के बाहर आने से कार्यकर्ताओं का जोश हाई है. लेकिन बीते कुछ महीनों में कई बड़े चेहरे पार्टी से अलग हो चुके हैं. अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा मौका है. लेकिन 2024 चुनाव में केजरीवाल के बाहर रहते भी पार्टी सभी 7 सीट हार गई थी.
क्या शराब नीति के दाग धो पाएंगे सिसोदिया?
जमानत पर फैसला आते ही पार्टी सिसोदिया को शिक्षा क्रांति का जनक साबित करने में जुट गई है. लेकिन शराब घोटाले में 17 महीने जेल में रहने से सिसोदिया की छवि पर काफी असर पड़ा है, जिसे साफ करना उनके लिए आसान नहीं रहेगा. ऐसे में देखना होगा कि दिल्ली और आम आदमी पार्टी की राजनीति आगे कैसा मोड़ लेने वाली है.