मंत्रालय के केबिन नंबर 602 को लेकर ऐसा अंधविश्वास है कि कोई भी मंत्री इसे लेने के लिए तैयार नहीं है. मुंबई के मंत्रालय की बिल्डिंग के छठी मंजिल पर स्थित है केबिन नंबर 602.
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महाराष्ट्र: मंत्रालय के केबिन नंबर 602 को लेकर ऐसा अंधविश्वास है कि कोई भी मंत्री इसे लेने के लिए तैयार नहीं है. मुंबई के मंत्रालय की बिल्डिंग के छठी मंजिल पर स्थित है केबिन नंबर 602. मंत्रालय में मुख्यमंत्री के केबिन के ठीक अपोजिट में यह केबिन है. यह केबिन डिप्टी सीएम के लिए बनाया गया था जहां कांग्रेस-एनसीपी की सरकार में डिप्टी सीएम के तौर पर अजित पवार बैठते थे.
इस कमरे के बारे में यह अंधविश्वास है कि जो भी इस केबिन में बैठता है, वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता है. 2014 से इस कैबिन के बारे में यह अंधविश्वास फैला है. इस केबिन नंबर 602 के बारे में अंधविश्वास है कि ठाकरे सरकार में उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी इस केबिन को लेने के लिए तैयार नहीं हैं. अभी तक यह केबिन किसी को अलॉट भी नहीं किया गया है. इस केबिन को लेकर शुभ-अशुभ की चर्चाएं हैं.
इस पर डिप्टी सीएम अजित पवार से पूछा गया तो उन्होंने सीधा जवाब ना देते हुए कहा कि पिछले पांच साल महाराष्ट्र में डिप्टी सीएम नहीं था. अब केबिन नंबर 602 कई भागों में बंट गया है. अब इस केबिन के किस हिस्से में मुझे बैठना है, ये मैं तय करूंगा.
पवार ने कहा, 'वैसे मैंने सूचना दी है कि मैं अब डिप्टी सीएम का केबिन राज्य के मुख्य सचिव के केबिन के पास बनाना चाहता हूं. जिससे सीएम, डिप्टी सीएम और मुख्य सचिव छठी मंजिल पर ही रहेंगे. यानी सीएम और डिप्टी सीएम के केबिन के बीच में मुख्य सचिव की केबिन रहेगी. जिससे कार्य गति से होगा.
क्या है मंत्रालय के केबिन नंबर 602 की कहानी-
साल 2012 में मंत्रालय में आग लगी थी, तब इसकी मरम्मत की गई थी. मरम्मत के बाद अजित पवार कुछ महीने तक डिप्टी सीएम के तौर पर इस कैबिन में बैठे थे
लेकिन बाद में एनसीपी सत्ता से बाहर हो गई.
फडणवीस सरकार में मंत्री रहे बीजेपी नेता एकनाथ खडसे को यह केबिन मिली थी, उन्हें भी जल्द मंत्री पद छोड़ना पड़ा. उसके बाद फडणवीस सरकार के ही कृषि मंत्री रहे पांडुरंग फुंडकर को यह केबिन दिया गया, कुछ ही महीनों में उनका देहांत हुआ. उनके बाद फडणवीस सरकार में 2019 को मंत्री बने अनिल बोंडे को यह केबिन दिया गया, 2019 के विधानसभा चुनाव में अनिल बोंडे हार गए.