73 देशों के राजनयिक लगाएंगे संगम में डुबकी, करेंगे बड़े हनुमान,अक्षयवट के दर्शन
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73 देशों के राजनयिक लगाएंगे संगम में डुबकी, करेंगे बड़े हनुमान,अक्षयवट के दर्शन

Maha Kumbh Mela 2025: संगम में डुबकी लगाने के लिए दुनिया भर से लोग आ रहे हैं. मेलाधिकारी 73 देशों से राजनयिक महाकुंभ का नजारा देखने आ रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने प्रदेश के मुख्य सचिव को इसके लिए पत्र भी लिखा है. 

73 देशों के राजनयिक लगाएंगे संगम में डुबकी, करेंगे बड़े हनुमान,अक्षयवट के दर्शन

Maha Kumbh Mela 2025: महाकुंभ की चर्चा पूरी दुनिया में है. दुनिया के कोने- कोने से श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने आ रहे हैं. विश्व के सबसे बड़े मेले का आयोजन किया गया है. रोजाना श्रद्धालुओं का नया रिकॅार्ड बन रहा है. इस ऐतिहासिक आयोजन में रूस और यूक्रेन समेत कई देशों के राजनयिक शामिल होंगे और संगम में डुबकी लगाएंगे. 

विश्व के सबसे बड़े अध्यात्मिक समागम प्रयागराज महाकुंभ में 73 देशों के राजनयिक पहली बार यहां संगम में स्नान करने आ रहे हैं. जिसमें युद्ध में उलझे रूस और यूक्रेन के राजदूत भी शामिल हैं. मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने यह पुष्टि की है. उन्होंने बताया है कि एक फरवरी को 73 देशों से राजनयिक महाकुंभ का महात्म्य देखने आ रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने प्रदेश के मुख्य सचिव को इसके लिए पत्र भी लिखा है. 

उन्होंने बताया कि इस पत्र में लिखा गया है कि दुनियाभर के राजनयिक महाकुंभ नगर में बड़े हनुमान जी और अक्षयवट के दर्शन भी करना चाहते हैं. जिन देशों के राजनयिक आ रहे हैं, उनमें जापान, अमेरिका, रूस, यूक्रेन, जर्मनी नीदरलैंड, कैमरून, कनाडा, स्विट्जरलैंड, स्वीडन, पोलैंड और बोलिविया शामिल हैं. 

लेटर के मुताबिक, ये सभी विदेशी राजनयिक नाव के जरिए संगम पहुंचेंगे और पवित्र संगम में स्नान करेंगे. यहां से वे अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर का दर्शन करने जाएंगे और इसके बाद डिजिटल महाकुम्भ अनुभव केंद्र में महाकुंभ से जुड़ी जानकारियां प्राप्त करेंगे. विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के अधिकारी इस आयोजन को सुचारू बनाने की तैयारी में जुटे हैं. विदेशी राजनयिकों के लिए टूर गाइड की व्यवस्था भी की गई है. 

सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ लगातार महाकुंभ क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं. मेलाक्षेत्र की निगरानी भी कर रहे हैं और अधिकारियों से जानकारी जुटा रहे हैं. एक संबोधन में उन्होंने कहा सनातन धर्म एक विराट वट वृक्ष है और इसकी तुलना किसी झाड़ और झंखाड़ से नहीं होनी चाहिए. दुनिया के अंदर अन्य संप्रदाय हो सकते हैं, उपासना विधि हो सकती है, लेकिन धर्म तो एक ही है और वह है सनातन धर्म. यही मानव धर्म है.  (भाषा)

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