MP News: सावन का पवित्र महीना आज से शुरू हो गया है. सावन माह के पहले दिन उज्जैन स्थित बाबा महाकाल के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी. देखें महाकालेश्वर की भस्मारती का वीडियो-
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उज्जैन/राहुल राठौर: भोलेनाथ को अतिप्रिय सावन माह की शुरुआत हो गई है. आज पहले दिन से ही देशभर के शिवालयों में बड़ी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं. 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन स्थित ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर धाम में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. देर रात से बाबा के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लग गया. दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर का काफी महत्व है, जिस कारण हर साल सावन और भादौ के महीने में यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना तक बढ़ जाती है. ऐसे में सबकी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए प्रबंधन समिति ने कुछ अहम फैसले भी लिए हैं.
#WATCH | Madhya Pradesh: 'Bhasma Aarti' performed at Shree Mahakaleshwar Temple in Ujjain, on the first day of 'Sawan' month. pic.twitter.com/v3kXYJ7cUD
— ANI (@ANI) July 3, 2023
महाकाल की भस्मारती
सावन के पहले दिन अलसुबह हुई बाबा महाकाल की भस्मारती में शामिल होने के लिए दूर-दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को ध्यान में रखते हुए उनकी सुरक्षा के लिए प्रबंधन समिति ने 4 जुलाई से 11 सितंबर तक गर्भ गृह में प्रवेश प्रतिबंध किया है. इसके अलावा इस साल अधिक मास होने के कारण महाकाल की 10 सवारियां निकाली जाएंगी.
#WATCH | Madhya Pradesh: Aarti performed at Shree Mahakaleshwar Temple in Ujjain, on the first day of 'Sawan' month. pic.twitter.com/yFuvOdOY38
— ANI (@ANI) July 4, 2023
जानें कब निकलेंगी सवारियां
पहली सवारी - 10 जुलाई 2023
दूसरी सवारी - 17 जुलाई 2023
तीसरी सवारी - 24 जुलाई 2023
चौथी सवारी - 31 जुलाई 2023
पांचवी सवारी - 7 अगस्त 2023
छठी सवारी - 14 अगस्त 2023
सातवीं सवारी - 21 अगस्त 2023
आठवीं सवारी - 28 अगस्त 2023
नौवीं सवारी - 4 सितंबर 2023
अंतिम शाही सवारी - 11 सितंबर 2023
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सावन में भोलेनाथ के दर्शन के लाभ
महाकालेश्वर धाम के पुजारी महेश गुरु ने बताया कि सावन मास में शिव दर्शन करने से अनेक पापों का नाश होता है. साथ ही इस माह में जो भी भक्त शिव को जलधारा, दुग्ध धारा व बैल पत्र चढ़ाता है उसके तीन जन्मों के पाप का विनाश होता है. साथ ही उसको अक्षुण्य पुण्य की प्राप्ति होती है. 1 बिल्व पत्र से 1 लाख तक बिल्व पत्र भगवान को अर्पण करने से कई यज्ञों का फल प्राप्त होता है.
महिलाओं को सौभाग्य की प्राप्ति और युवतियों को मिलता है अच्छा वर
पुजारी महेश गुरु ने बताया कि सावन महीने में जितने भी व्रत आते हैं वो सती और माता पार्वती ने किए हैं. ये व्रत दोनों ने अपने-अपने समय मे शिव को मनाने व शिव को पाने के लिए किए थे. शिव जैसे पति की कामना के लिए वे व्रत करती थी और मांगती थीं. इसलिए हमारे सनातन में महत्व है की जो महिलाएं चार पहर की पूजा, व्रत, उपवास आदि करती हैं उससे उन्हें सौभग्य के फल की प्राप्ति होती है. कुंवारियों को मनवांछित वर प्राप्त होता है.
12 ज्योतिर्लिंग में ये महीना महाकालेश्वर में क्यों है खास जानिए
पुजारी महेश गुरु का कहना है कि ये एक मात्र दक्षिण मुखी ज्योतिर्लिंग है और काल महाकाल के नियंत्रण में रहता है. यहां भगवान को भस्मी स्नान करवाने का प्रावधान है. बस यही कारण है भक्त यहां आते हैं और उससे भावविभोर होकर जाते हैं. यहां पूजा का विधान अलग है इसलिए अलग ही आनंद की प्राप्ति होती है.