अनूपपुर जिले में मौसम की आंख मिचौली के बाद तापमान बढ़ गया है. वहीं बाजार में देशी फ्रिज यानी मिट्टी के मटके व सुराही बिकने शुरू हो गए हैं. इसको लेकर डॉक्टर की रॉय है राख साफ करकर ही इसका प्रयोग करें, वरना फैरेंजाइटिस का खतरा बढ़ सकता है.
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अभय पाठक/अनूपपुर: जिले में मौसम (Weather) की आंख मिचौली के बाद आखिरकार तापमान (Temperature) ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. दोपहर होते होते गर्मी इतनी बढ़ जाती है कि लोग अपने घरों से बाहर नही निकलते हैं. बाजार में मिट्टी के मटके यानी कि देशी फ्रिज (Desi Fridge) की आवक नजर आनी शुरु हो गईं है और लोगों ने मटका खरीदना शुरू कर दिया है. जिससे मिट्टी के मटके बनाने व बेचने वालो के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि कुछ लोगों की रोजी रोटी कमाने का जरिया मिट्टी के बर्तन ही हैं. जिसमें मटका और सुराही मुख्य है.
मौसम की वजह से पीछे हुआ कारोबार
अनूपपुर जिले में भी मिट्टी के मटके व सुराही बनाएं जाते हैं. साथ ही बाहर के जिले से भी कई लोग ग्रीष्म ऋतु में मिट्टी के मटके व सुराही बेचने के लिए अनूपपुर आते हैं. हालांकि इस बार इस कारोबार को शुरु होने में कुछ देरी हो चुकी है, क्योंकि इस कारोबार से जुड़े कारोबारियों ने खुद इस बात को बताया है की इस वक्त तक उनका एक तिहाई मटका और सुराही बिक जाता था. लेकिन मौसम की वजह से बारिश होने से मौसम में गर्मी कम थी. इसीलिए मौसम हमारे व्यवसाय को 1 महीने पीछे धकेल दिया है.
जानिए क्या कहा डॉक्टरों ने!
वहीं शासकीय चिकित्सक डॉक्टर मनोज सिंह का कहना है कि मिट्टी के बर्तन व मटका सुराही गर्मी के दिनों में उपयोग करना फ्रिज से बेहतर है. लेकिन इसके उपयोग करने के पहले अच्छी तरह से इसके अंदर की सफाई कर लें. अन्यथा इसके अंदर लगी हुई राख से फैरेंजाइटिस होने का खतरा बना रहता है. बता दें कि अनूपपुर जिले में वैसे तो गन्ने का रस हमेशा कुछ चंद्र जगह पर मिल जाता है. लेकिन तापमान बढ़ते ही गर्मी की वजह से गन्ने का रस बेचने वाले कारोबियो की संख्या बढ़ गईं है.
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