चंबल में BJP का गढ़ बनती जा रही है यह विधानसभा सीट, 2018 में भी खिला था कमल, इस बार सबकी निगाहें
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चंबल में BJP का गढ़ बनती जा रही है यह विधानसभा सीट, 2018 में भी खिला था कमल, इस बार सबकी निगाहें

Guna Vidhan Sabha Seat: गुना विधानसभा सीट से पिछली बार गोपीलाल जाटव ने कांग्रेस के चंद्र प्रकाश अहिरवार को हराकर पार्टी को जीत दिलाई थी. पर इस बार उनकी दावेदारी ही सवालों के घेरे में है. देखना होगा भाजपा किसे टिकट देनें वाली है.

चंबल में BJP का गढ़ बनती जा रही है यह विधानसभा सीट, 2018 में भी खिला था कमल, इस बार सबकी निगाहें
Guna Vidhan Sabha Seat: मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में सूबे की दोनों बड़ी पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस अपना पूरा दम-खम लगा रही हैं. 5 साल बाद फिर से प्रदेश की जनता को बटन दबाने का समय आ गया है. एमपी की 230 विधानसभा सीटों में से एक है गुना विधानसभा सीट. चंबल अंचल में आने वाली गुना विधानसभा सीट सूबे की महत्वपूर्ण सीट है. 2018 में बीजेपी के प्रत्याशी गोपीलाल जाटव ने कांग्रेस के चंद्र प्रकाश अहिरवार को भारी मतों के अंतर (लगभग 34 हजार) से हराया था. पर इस बार क्या होगा ये तो परिणामों के बाद ही पता चलेगा. अब बात करते है गुना सीट के सियासी समीकरणों की. 
 
गुना का मतदाता समीकरण
 
गुना विधानसभा में करीब 2 लाख से ज्यादा मतदाता है. जिसमें पुरूष वोटर्स की संख्या करीब एक लाख, महिला वोटर्स भी करीब एक लाख से ज्यादा है. ये आंकड़े 2018 के विधानसभा चुनाव के मुताबिक है. ये मतदाता तय करेंगे कि कौन इस बार विधायक चुना जाएगा. पिछले चुनाव में कुल 57 प्रतिशत वोट पड़े थे. 
 
गुना का सियासी ताना बाना 
 
गुना विधानसभा सीट के सियासी ताने बाने की बात की जाए तो यह पूरा शहरी क्षेत्र हैं, बीजेपी कांग्रेस के अलावा यहा बीएसपी का भी वोटबैंक माना जाता है. लेकिन चुनाव आते-आते इस वोट बैंक में बिखराव भी दिखता है. इस बार भी यहां बीएसपी जोर लगा रही है, ऐसे में मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद रहेगी. 
 
गोपीलाल जाटव विधायक 
 
गोपीलाल जाटव कुल 6 बार विधायक बनें हैं. अशोकनगर और राढ़ौरा से चार बार और गुना से 2018 में पहली बार विधायक चुने गए थे. जाटव पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के कार्यकाल में राज्यमंत्री भी रह चुके हैं. 
 
गुना का राजनीतिक इतिहास
 
1977 में JNP के धर्मस्वरूप सक्सेना 12802 वोटों से जीतें थे.
1980 में INC(I) के शिव प्रताप सिंह 2376 वोटों से जीतें थे.
1985 में INC के शिवप्रताप सिंह 754 वोटों से जीतें थे.
1990 में BJP के भाग चंद्र सोगानी 4566 वोटों से जीतें थे.
1993 में INC के शिव प्रताप सिंह 9172 वोटों से जीतें थे.
1998 में INC के शिव प्रताप सिंह 2252 वोटों से जीतें थे.
2003 में BJP के कन्हैयालाल अग्रवाल 45319 वोटों से जीतें थे.
2008 में BJSH के राजेंद्र सिंह सलूजा 12934 वोटों से जीतें थे.
2013 में BJP के पन्नालाल शाक्य 45111 वोटों से जीतें थे.
2018 में BJP के गोपीलाल जाटव 33667 वोटों से जीतें थे. 
 
कांग्रेस-बीजेपी के दावेदार
 
ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार के चुनाव में दोनों ही पार्टियां किसी और को मौका देगी. बीजेपी में जाटव के साथ-साथ नीरज निगम, पूर्व विधायक पन्ना लाल शाक्य, अनूसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री सुनील मालवीय, चंद्रप्रकाश अहिरवार का नाम आ रहा हैं  वहीं कांग्रेस से वरिष्ठ नेता कन्हैयाराम अहिरवार, हरिओम खटीक, वीरू खटीक का नाम आ रहा है. अब देखते हैं दोनों ही दल किसे मौका देते है और जनता किसे चुनती हैं
 
बीजेपी में टिकट बदलाव के आसार
 
बीजेपी विधायक गोपीलाल जाटव के अनुसार क्षेत्र में कई काम हुए हैं. गुना में इस बार टिकट बदलाव होने के आसार साफ दिख रहे हैं. जाटव भी मान कर चल रहे हैं कि किसी नए दावेदार को टिकट मिलना तय है.

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