Madhya Pradesh Vyapam Scam: मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाला मामले में 6 अभ्यर्थियों और 5 प्रतिरूपकों समेत 11 लोगों को सात साल जेल की सजा और प्रत्येक पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया. 2012 पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा फर्जीवाड़े में सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसौदिया ने फैसला सुनाया.
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Madhya Pradesh Vyapam Scam: मध्य प्रदेश के चर्चित व्यापमं घोटाले में 11 आरोपियों को 7 साल की सजा सुनाई गई है. इन 11 आरोपियों में 6 अभ्यर्थी और 5 प्रतिरूपक शामिल हैं. सभी को 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी भरना होगा. 2012 की पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के मामले में आरोपियों को सजा हुई है. सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसोदिया ने यह सजा सुनाई है.
जानिए पूरा मामला?
बता दें कि व्यापमं द्वारा 2012 में आयोजित पुलिस आरक्षक भर्ती घोटाला मामले में 11 आरोपियों को दोषी ठहराया गया है. 11 आरोपियों को सजा सुनाई गई और प्रत्येक को 10,000 रुपये का आर्थिक दंड लगाया गया है. अभ्यर्थियों के स्थान पर किसी अन्य ने परीक्षा दी थी. उन्हें आर्थिक दंड के साथ 7 साल की सजा सुनाई गई है. सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसोदिया ने सजा सुनाई. व्यापमं मामले में सीबीआई ने 11 आरोपियों को 7 साल कठोर कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.
इस मामले में 6 अभ्यथियों लोकेन्द्र कुमार धाकड़, अविनाश जयंत, राजेश प्रजापति, भूरा रावत, राधेश्याम यादव तथा विकाश रावत ने अपने स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति (प्रतिरूपक) को परीक्षा में बैठा कर लिखित परीक्षा पास करने के लिए दलालों/मध्यस्तों से मिली भगत कर परीक्षा पास की थी. अभ्यर्थी लोकेन्द्र कुमार धाकड़ के स्थान पर प्रतिरूपक हेमंत सिंह जाट ने, अभ्यर्थी अविनाश जयंत के स्थान पर प्रतिरूपक सर्वेश कुमार झा ने, अभ्यर्थी राजेश प्रजापति के स्थान पर प्रतिरूपक (अभ्यर्थी का भाई) नरेश प्रजापति ने, अभ्यर्थी भूरा रावत के स्थान पर प्रतिरूपक रामवीर सिंह रावत ने, अभ्यर्थी राधेश्याम यादव के स्थान पर अज्ञात प्रतिरूपक ने तथा अभ्यर्थी विकाश रावत के स्थान पर प्रतिरूपक हरिओम तोमर ने परीक्षा दी थी. परिणाम स्वरूप उक्त 6 अभ्यार्थी पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 प्रथम में पास हो गए थे.
आज न्यायालय ने अनेक गवाहों, दस्तावेजों एवं आर्टिकल्स के आधार पर 6 अभ्यर्थियों लोकेन्द्र कुमार धाकड़, अविनाश जयंत, राजेश प्रजापति, भूरा रावत, राधेश्याम यादव एवं विकाश रावत तथा 5 प्रतिरूपकों हेमन्त सिंह जाट, सर्वेश कुमार झा, नरेश प्रजापति, रामवीर सिंह रावत और हरिओम तोमर को दोषी ठहराया है. अदालत ने सभी को सात-सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है और 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा भी सुनाई है.
रिपोर्ट: प्रमोद शर्मा (भोपाल)