कमलनाथ kamal nath ने मध्य प्रदेश कांग्रेस mp congress के संगठन में बडे़ बदलाव किए हैं, प्रदेश के सभी 52 जिलों में इन बदलावों का असर दिखेगा. बता दें की कमलनाथ के इन बदलावों को 2023 के विधानसभा चुनाव mp assembly election से भी जोड़कर देखा जा रहा है.
Trending Photos
आकाश द्विवेदी/भोपाल। नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के बाद कांग्रेस अब विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटती नजर आ रही है. प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ kamal nath ने आज संगठन स्तर पर बड़े बदलाव किए हैं. कांग्रेस congress ने प्रदेश के सभी 52 जिले के लिए प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं. इन प्रभारियों की नियुक्तियों को 2023 के विधानसभा चुनाव mp assembly election 2023 की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है. बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में कमलनाथ संगठन में और भी बड़े बदलाव कर सकते हैं.
बताया जा रहा है कि ये सभी प्रभारी जिले में कांग्रेस के सभी संगठनों और क्रियाकलापों के बीच समन्वय का काम करेंगे, जो मंडलम, सेक्टर, बूथ, मतदाता सूची जैसे कामों की निगरानी करेंगे और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से समय-समय पर फीडबैक लेंगे. इसके अलावा बाल कांग्रेस के लिए विधानसभा कैप्टन और वाइस कैप्टन की नियुक्ति भी प्रभारी ही करेंगे.
इन नेताओं को सौंपी चार बड़े शहरों की जिम्मेदारी
प्रदेश के चार बड़े शहरों में कमलनाथ ने प्रदेश के सीनियर नेताओं को प्रभारी बनाया है. भोपाल Bhopal का प्रभारी पूर्व मंत्री मुकेश नायक, इंदौर Indore की जिम्मेदारी महेंद्र जोशी को दी है, जबकि ग्वालियर Gwalior की कमान महेंद्र सिंह चौहान और जबलपुर Jabalpur का प्रभारी पूर्व विधायक सुनील जैन को बनाया गया है. जबकि उज्जैन जिले की प्रभारी शोभा ओझा बनाई गई हैं. इसी तरह सभी 52 जिलों में कांग्रेस ने प्रभारियों की नियुक्तियां की हैं.
संगठन को मजबूत करने में जुटे कमलनाथ
बता दें कि 2023 चुनाव से पहले कमलनाथ पार्टी संगठन को मजबूत करने में लगे हैं. कमलनाथ बीजेपी संगठन की मजबूती को अच्छी तरह समझते हैं और वह खुलेआम बीजेपी संगठन की तारीफ भी कर चुके हैं. नगरीय निकाय चुनाव से पहले एक कार्यक्रम में कमलनाथ ने बीजेपी संगठन की तारीफ की थी. ऐसे में वह अभी से कांग्रेस के संगठन को भी मजबूत करने में जुटे हैं, ताकि 2023 के विधानसभा चुनाव तक पार्टी को मजबूत किया जा सके.
बता दें कि इससे पहले भी कमलनाथ समय-समय पर कई संगठन में कई बदलाव कर चुके हैं. इससे पहले उन्होंने कांग्रेस ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को सौंपी थी. बताया जा रहा है कि कांग्रेस जमीनी कार्यकर्ताओ की मौका देकर 2018 के नतीजो को रिपीट करने की तैयारी में जुट गई है.
ये भी पढ़ेंः मंत्री गोपाल भार्गव आधी रात को बाढ़ के पानी में उतर गए, जानिए ऐसा क्यों करना पड़ा