जबलपुर नगर निगम अधिकारियों का अजीबो-गरीब कारनामा देखने को मिला है. निगम अधिकारियों ने सीएम शिवराज के दौरे को लेकर सड़कों पर स्ट्रीट लाइट लगा दी, लेकिन उनके जाने के बाद अधिकारियों ने स्ट्रीट लाइट को निकाल लिया, जिसको लेकर रहवासी आक्रोशित हैं.
Trending Photos
अजय दूबे/जबलपुरः आपने अभी तक ये कहावत कई लोगों के मुंह से सुनी होगी कि 'चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात' लेकिन जबलपुर नगर निगम के अधिकारियों ने अजीबो गरीब कारनामा कर इसको चरितार्थ किया है. बता दें कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आगमन पर जबलपुर के अमखेरा रोड में स्ट्रीट लाइट लगाकर सड़कों को रोशन कर दिया गया था. लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जाने के बाद ही स्ट्रीट लाइटों को बंद कर निकाल लिया गया.
बता दें कि मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर नगर निगम ने जबलपुर के अमखेरा रोड में स्ट्रीट लाइट लगाकर सड़कों को रोशन कर दिया गया था. लेकिन सीएम शिवराज सिंह चौहान के काफिला के जाने के बाद ही स्ट्रीट लाइटों को बंद कर दिया गया. जिसके बाद दूसरे दिन नगर निगम के द्वारा करीब 2 किलोमीटर दूरी तक सड़कों पर लगाई गई सारी स्ट्रीट लाइटें निकाल कर रख ली गई और फिर से अमखेरा रोड पर सड़कों पर अंधेरा छा गया.
नगर निगम के द्वारा स्ट्रीट लाइट निकालने पर उस इलाके के रहवासी बेहद आक्रोशित हैं. वहां रहने वाले लोगों का कहना है कि सालों से सड़कों पर स्ट्रीट लाइट नहीं है, जिससे सड़क पर अंधेरा रहता है आए दिन अंधेरे के चलते उस सड़क पर हादसे होते रहते हैं. लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आगमन पर सड़कों पर स्ट्रीट लाइट लगाई गई तो उन्हें उम्मीद जगी कि अब सड़क पर हमेशा रोशनी रहेगी और सड़क पर अंधेरे के चलते दुर्घटनाएं नहीं होंगी. लेकिन नगर निगम के द्वारा सीएम के जाते ही स्टिक लाइट निकाल ली गई. गौरतलब है कि नगर निगम के इस कारनामे से इलाके के रहने वाले लोग बेहद आक्रोशित हैं. लेकिन बड़ी बात यह है कि नगर निगम उसी लाखों से करोड़ों रुपए का टैक्स वसूली करता है. इसके बावजूद भी सड़कों पर स्ट्रीट लाइटों की सुविधा भी नहीं दी है.
ये भी पढ़ेंः Ujjain: महाकाल मंदिर में मोबाइल बैन, नियम तोड़ने वालों पर लगेगा फाइन, जानिए पूरी व्यवस्था