कोर्ट ने गैंगरेप के सभी 5 आरोपियों को किया बरी, नहीं मिला कोई सबूत, जानिए मामला
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कोर्ट ने गैंगरेप के सभी 5 आरोपियों को किया बरी, नहीं मिला कोई सबूत, जानिए मामला

ग्वालियर जिले की आरोन थाना क्षेत्र के बन्हेरी गांव में पिछले साल दिसंबर में एक महिला द्वारा दर्ज कराए गए गैंगरेप के मामले के सभी आरोपियों को न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है.

कोर्ट ने गैंगरेप के सभी 5 आरोपियों को किया बरी, नहीं मिला कोई सबूत, जानिए मामला

प्रियांशु यादव/ग्वालियर: मध्यप्रदेश में रेप के बढ़ती घटनाओं के बीच ग्वालियर जिला कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए, गैंगरेप के 5 आरोपियों को बरी कर दिया. कोर्ट को आरोपियों के खिलाफ कोई भी ऐसे सबूत नहीं मिले, जिससे उनको सजा सुनाई जा सके. बता दें कि 5 आरोपियों में एक सरपंच भी हैं, जिसपर ये आरोप लगा है. वहीं कोर्ट का फैसला आने के बाद बचाव पक्ष का बयान भी सामने आया है.

दरअसल ग्वालियर जिले की आरोन थाना क्षेत्र के बन्हेरी गांव में पिछले साल दिसंबर में एक महिला द्वारा दर्ज कराए गए गैंगरेप के मामले के सभी आरोपियों को न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है.

इस मामले में सरपंच विक्रम रावत, अजब सिंह, रामगोपाल, पंचम रावत और गिर्राज रावत को आरोपी बनाया गया था. खास बात यह है कि इसमें परिवार के रामनिवास रावत की पूर्व में हत्या हो चुकी है. जिसमें इंदौर में पदस्थ रहे इपीएफ कमिश्नर मुकेश रावत भी आरोपी हैं.

कोर्ट में बचाव पक्ष का कहना था कि हत्या के मामले में आरोपी रहे लोगों द्वारा एक षड्यंत्र के तहत महिला को ढाल बनाकर उससे झूठे बयान के आधार पर गैंगरेप का मुकदमा दर्ज करवाया गया था. महिला ने अपने बयान में अभियोजन के आरोपों की पुष्टि नहीं की. 

बचाव पक्ष के अधिवक्ता पूरन सिंह राणा का कहना है कि हत्या के मामले में इपीएफ कमिश्नर भी षड्यंत्र कर्ता है उनके कहने पर ही इस मामले में सरपंच सहित 5 लोगों को बलात्कार के मामले में आरोपी बनाया गया था लेकिन न्यायालय ने इस प्रकरण में साक्ष्य के अभाव में सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है. अब दोषमुक्त किए गए सभी आरोपी अपनी मानहानि का मुकदमा भी दर्ज करवाने की तैयारी कर रहे हैं.

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