Dussehra Special: दशहरे के दिन पूरे देश में रावण दहन होता है. इस दहन को बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रूप में किया जाता है. एमपी में एक शख्स ऐसा भी है जो न सिर्फ रावण की रोज पूजा करता है बल्कि उसने अपने बेटों के नाम पर रावण के बेटों के नाम पर रखे हैं.
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अजय दुबे/जबलपुर: बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में दशहरा का पर्व देश भर में मनाया जाता है. इस दिन रावण, कुंभकरण और मेघनाथ का भी दहन किया जाता है लेकिन वहीं जबलपुर से 30 किलोमीटर दूर पाटन में एक व्यक्ति रावण की न सिर्फ अपने घर में पूजा करता है बल्कि मंदिर में रावण की प्रतिमा स्थापित कर हर दिन विधि-विधान से पूजा-अर्चना भी करता है.
रावण के बेटों के नाम पर रखे अपने बेटों के नाम
इतना ही नहीं पाटन निवासी मुन्ना नामदेव नामक शख्स को उस इलाके में रहने वाले लोग लंकेश्वर के नाम से जानते हैं. लंकेश्वर नाम के इस शख्स ने अपने तीनों बेटों का नाम रावण के तीनों पुत्र मेघनाथ, अक्षय और राजकुमार नारंतक रखा है.
राम-सीता के साथ होती है रावण की पूजा
मुन्ना उर्फ लंकेश्वर के परिवार के लोग जहां भगवान राम-सीता और हनुमान की पूजा अर्चना करते हैं. वही उसी घर में रावण की भी पूजा होती है.
घरवालों को भी नहीं है आपत्ति
लंकेश्वर नाम की शख्स के परिवार वालों का कहना है कि एक ही घर में पूजा अर्चना करने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि वह रावण को एक विद्वान के तौर पर देखते हैं.
कई सालों से कर रहे हैं रावण की पूजा
दरअसल, पाटन में रहने वाले मुन्ना ने पहली बार 1975 में रामलीला के दौरान रावण की सेना में राक्षस की भूमिका निभाई थी. उस समय से ही रावण के प्रति उसकी आस्था बढ़ गई. मुन्ना पेशे से टेलर हैं. अपनी दुकान का नाम उन्होंने रावण के दूसरे नाम लंकेश के नाम पर लंकेश टेलर्स रखा है. नवदुर्गा में मुन्ना, रावण की खास पूजा करते हैं. लंकेश की यह पूजा बैठकी से लेकर दशहरा तक चलती है. इस दौरान वह 9 दिन तक व्रत भी रखते हैं. इस तरह वह रावण के प्रति अपना आदर दर्शाते हैं.
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