mp news: मंदसौर जिले के दो भाईयों ने 11 बैलगाड़ी में अपनी बहन का मायरा निकाला. मायरा बबरेचा गांव से शुरू होकर 12 किमी दूर गांव रिंडा पहुंचा फिर पूरे रिती-रिवाज के साथ बहन को मायरा पहनाया गया.
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mandsaur news:मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के भाईयों ने कुछ ऐसा कर दिया कि लोगों ने कहा भाई हो तो ऐसे हो. हर तरफ इस भाई की जमकर चर्चा हो रही है. दरअसल, मंदसौर जिले के रहने वाले भाईयों अपनी बहन का मायरा अनोखे तरीके से निकला है. तरीका भी ऐसा थी की हर तरफ से वाहवाही हो रही है.
युवक ने बैलगाड़ियों में अपनी बहन का मायरा निकाला जिसे देख लोगों का कहना है कि आज के आधुनिक युग में अपनी संस्कृति का इतने अच्छे तरीके से पालन करना एक उदाहरण पेश करता है.
12 किमी का लंबा सफर किया तय
बताया जा रहा कि, मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के बाबरेचा गांव निवासी नागदा परिवार के भाईयों ने अपनी बहन का मायरा निकाला था. मायरा बैलगाड़ियों में निकाला गया था जिसे 12 किमी का लंबा सफर तय कर बहन के गांव रिन्डा पहुंचाया जाना था. मायरा ले जाने की तैयारियां आस-पास के लोगों को काफी आकर्षित कर रही थी. जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग जमा हो रहे थे और उनका स्वागत भी कर रहे थे.
सरपंच समेत गांवासियों ने किया जोरदार स्वागत
अपनी बहन का मायरा भरने के लिए भाईयों ने 11 बैलगाड़ी तैयार की और मायरा लेकर 12 किमी दूर गांव रिंडा पहुंचे जहां ग्रामीणों ने उनका जोरदार तरीके से स्वागत किया. मायरा ले जाते वक्त 12 गांव के पंच भी शामिल थे जिनका जगह- जगह पर स्वागत किया गया. मायरे के स्वागत के लिए रिंडा गांव के नगर सरकार से लेकर सरपंच भी शामिल थे.
11 बैलगाड़ी में लेकर गए मायरा
नागदा परिवार के भाईयों का कहना है कि इस युग में भी अपनी संस्कृति को जीवित करने के उद्देश्य से हमने बैलगाड़ियों से मायरा ले जाने का फैसला लिया. जिसके लिए 11 बैलगाड़ी तैयार किया गया था. सबसे आगे वाली गाड़ी में भगवान सांवरिया सेठ की पालकी बैठाई गई थी. हर नुक्कड़ और चौराहे पर हमारा जबरदस्त तरीके से स्वागत किया जा रहा था. वहीं समाज के दूसरें भाईयों ने भी हमारे साथ चलने का फैसला लिया और बबरेचा गांव से शुरू मायरा जब 12 किमी दूर गांव रिंडा पहुंचा तो फिर पूरे रिती- रिवाज के साथ बहन को मायरा पहनाया गया.