Adipurush Movie Controversy: फिल्म आदिपुरुष के विवाद के बीच संस्कृति बचाओ मंच ने गीतकार मनोज मुंतशिर को लेकर कहा है कि राज्य में प्रवेश करने पर उन्हें जूते की माला पहनाएंगे. वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल किया है कि भाजपा शासित राज्यों में इस फिल्म पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जा रहा है
Trending Photos
Adipurush Film Controversy: फिल्म आदिपुरुष को लेकर मध्य प्रदेश (MP News) और छत्तीसगढ़ (CG News) दोनों राज्यों में विवाद खत्म नहीं हो रहा है. मध्य प्रदेश में, संस्कृति बचाओ मंच ने मनोज मुंतशिर को चेतावनी दी कि अगर वह मध्य प्रदेश में प्रवेश करते हैं, तो कार्यकर्ताओं द्वारा उन्हें जूते की माला पहनाई जाएगी और गधे पर घुमाया जाएगा. वहीं, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में बीजेपी द्वारा आदिपुरुष मूवी को बैन करने की सलाह दे रही है? तो फिर भाजपा शासित राज्यों में इस पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जाता?
जूतों की माला पहना कर गधे पर घुमाएंगे:संस्कृति बचाओ मंच
संस्कृति बचाओ मंच ने आदिपुरुष फिल्म के डायलॉग को लेकर मनोज मुंतशिर पर निधाना साधते हुए बड़ा ऐलान किया है. अगर, मध्यप्रदेश में मुंतशिर ने प्रवेश किया तो सनातन धर्मी और संस्कृति बचाओ मंच के कार्यकर्ता जूतों की माला पहना कर गधे पर घुमाएंगे. संस्कृति बचाओ मंच ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि जहां भी मनोज मुंतशिर दिखे उसे जूतों की माला पहनाएं. उन्होंने कहा कि फिल्म आदिपुरुष में भद्दे डायलॉग लिखने वाले मनोज मुंतशिर तुम्हारे डीएनए पर भी संदेह.
Aaj ki Dharmik kahani: जब गुरू विश्वामित्र ने दी थी राजा दशरथ को अयोध्या जलाने की चेतावनी, जानिए वजह
बीजेपी शासित राज्यों में बैन क्यों नहीं: सीएम भूपेश बघेल
आदिपुरुष के मसले पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि फिल्म आदिपुरुष को छत्तीसगढ़ में बैन लगाने की सलाह दे रहे हैं और मांग भाजपा नेता कर रहे हैं तो भाजपा शासित राज्यों में क्यों नहीं बैन कर रहे? क्यों नहीं समीक्षा कर रहे हैं. मनोज शुक्ला कहते हैं कि हनुमान भगवान नहीं हैं. वो कहते हैं गैर भाजपा शासित मुख्यमंत्री आरोप लगा रहे हैं. इसका मतलब खुद वो अपने आपको बीजेपी का बता रहे हैं.
बीजेपी के शासन में सबसे ज्यादा धर्मांतरण हुआ:सीएम भूपेश बघेल
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के अप्रत्यक्ष तौर पर प्रदेश सरकार के सपोर्ट में धर्मान्तरण के आरोप पर सीएम बघेल ने कहा कि भाजपा शासनकाल में सबसे ज्यादा धर्मान्तरण हुए, इसका खंडन कर के बताएं तब मानु, ये बोलते हैं कि इसके लिए इंटरनेशनल फंडिंग होती है. जबकि सारे एनजीओ पर तो शिकंजा कस दिए हैं. राज्य और केंद्र में इनकी सरकार थी फिर कानून क्यों नहीं बना धर्मांतरण के खिलाफ?
रिपोर्ट: सत्य प्रकाश (रायपुर)/आकाश द्विवेदी (भोपाल)