Naxali Love Story: छत्तीसगढ़ के बस्तर में एक लड़का और लड़की को नक्सल संगठन में रहते हुए प्यार हुआ तो उन्होंने लाल आतंक का रास्ता छोड़ शादी कर ली. सीएम साय ने भी दोनों को आशीर्वाद दिया है.
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Chhattisgarh News: कहते हैं प्यार का रास्ता हर गलत रास्ता छुड़वा देता है, क्योंकि प्यार का एहसास इंसान को उस खूबसूरती में ले जाता है, जिसे वह अपने जीवन में जीना चाहता है. इसलिए मुक्कमल इश्क की कई दास्तानें हैं जिन पर बहुत कुछ लिखा गया, जिन्हें लोग आज भी पढ़ते हैं. लेकिन कुछ कहानियां ऐसी होती हैं जिनके बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं चलता, लेकिन ये कहानियां यह बताने के लिए काफी होती है कि प्यार का एहसास इंसान को अच्छे रास्ते पर ला सकता है. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर में कुछ ऐसा ही देखने को मिला है, जहां नक्सल संगठन में रहते हुए लड़का और लड़की को एक दूसरे से प्यार हुआ तो दोनों लाल आतंक का रास्ता छोड़कर अपने प्यार के रास्ते पर चल निकले, जहां आखिरकार उन्हें अपनी मंजिल मिल ही गई.
प्यार ने बदल दी दो जिंदगियां
दरअसल, यह कहानी सुकमा जिले लड़के मौसम महेश और लड़की हेमला मुन्नी की हैं, जो अब एक दूसरे के हो चुके हैं. दोनों नक्सली संगठन में शामिल थे, लेकिन प्यार एक ऐसा एहसास है जो बंदूक के साये में भी पनप ही जाता है. नक्सल संगठन में रहते हुए दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया. लेकिन जंगल सरकार में रहते हुए इनका प्यार पूरा नहीं हो सकता था, क्योंकि नक्सली इन्हें शादी नहीं करने देत और उन्हें छोड़ते भी नहीं. ऐसे में दोनों के सामने एक तरफ लाल आतंक पर चलने का रास्ता था, तो दूसरी तरफ से सरेंडर करके एक खुशहाल जिंदगी बिताने का मौका भी उनके पास था. लेकिन कहते हैं कि प्यार किसी बंधन में नहीं बंध सकता तो फिर यह लाल आतंक यह रास्ता दो प्रेमियों को कैसे बांध सकता था.
दोनों ने किया सरेंडर और फिर की शादी
एक दूसरे के प्यार में डूबे दोनों नक्सलियों ने अपनी दुनिया बदलने की ठान ली थी, वह नक्सलवाद के इस कुचक्र से बाहर निकलना चाहते थे. आखिरकार मौसम महेश और हेमला मुन्नी ने लाल आतंक का रास्ता छोड़ने का मन बना लिया और जिस संगठन में वह 12 साल से जुड़े थे, उसे छोड़कर वह मुख्यधारा में लौट गए. उन्हें साय सरकार की नियद नेल्लानार योजना अच्छी लगी और इसी के तहत उन्होंने खुद को सरेंडर कर दिया, सरेंडर के सभी नियमों को पूरा करने के बाद उन्होंने के दूसरे का हाथ थामने की तैयारी की.
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सीएम साय के सामने लिए सात फेरे
सोमवार को मौसम महेश और हेमला मुन्नी ने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए और दोनों एक दूसरे के हो गए. इस दौरान सीएम विष्णुदेव साय ने भी उन्हें आशीर्वाद दिया और नए जीवन की शुभकामनाएं दी. सीएम ने कहा कि यही बदलता सुकमा और बदलता बस्तर है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हमारी सरकार की शांति और पुनर्वास की नीति से हमारी जनकल्याणकारी योजनाएं सकारात्मक परिणाम दिखा रही हैं, नियद नेल्ला नार योजना ने आत्मसमर्पित नक्सलियों को समाज के मुख्यधारा में लौटने और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर दिया है, इसके फलस्वरूप आज सुकमा में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना और नक्सल पुनर्वास योजना के तहत आत्मसमर्पित दो पूर्व नक्सलियों ने अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत की. इन दोनों जोड़ों को सुखद वैवाहिक जीवन हेतु आशीर्वाद दिया और उज्ज्वल भविष्य की कामना की.
बता दें कि दोनों को सरकारी योजनाओं का भी पूरा लाभ मिला है, दोनों को 50 हजार रुपए, 7 हजार रुपए की श्रृंगार सामग्री, 8 हजार शादी की व्यवस्था और 35 हजार रुपए डीबीटी के जरिए उनके खाते में ट्रांसफर की गई है.
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