Kisan News: छत्तीसगढ़ के भूमिहीन मजदूर किसानों के लिए खुशखबरी वाली खबर सामने आई है. बता दें कि कल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत इन किसानों के खाते में 2023-24 की पहली किश्त ट्रांसफर करेंगे.
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जन्मजय सिन्हां/महासमुंद: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) 21 मई को पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के पुण्यतिथि के अवसर पर दुर्ग जिले के पाटन में आयोजित भरोसा का सम्मेलन में राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना (Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana) के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र के हितग्राहियों को वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली किश्त की राशि जारी करेंगे. महासमुंद (Mahasamund) जिले के तीन नगर पंचायत क्षेत्रों पिथौरा, बसना और तुमगांव अनुसूचित क्षेत्रों में निवासरत पात्र 1879 भूमिहीन कृषि मजदूरों को इस योजना अंतर्गत प्रत्येक हितग्राही के बैंक खाते में 2 हजार रूपए के मान से पहली किस्त की राशि ट्रांसफर की जाएगी.
बता दें कि राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के छत्तीसगढ़ के ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों के पात्र कुल 5 लाख 63 हजार 576 हितग्राहियों को पहली किश्त के रूप में 112 करोड़ 71 लाख 52 हजार रूपए की राशि जारी की जाएगी.
कृषि आधारित मजदूरी पर निर्भर हैं ये लोग
प्रदेश की ग्रामीण और शहरी आबादी का एक बड़ा वर्ग आजीविका के लिए कृषि आधारित मजदूरी पर निर्भर है. धान की फसल के दौरान कृषि मजदूरों के लिए रोजगार की पर्याप्त उपलब्धता रहती है. किंतु रबी फसल की बुआई का क्षेत्र कम होने के कारण कृषि मजदूरी के अवसर कम हो जाते हैं. गांव और शहरी क्षेत्रों में चरवाहा, बढ़ई, लोहार, नाई, धोबी और पौनी-पसारी से जुड़े परिवारों के लिए अन्य लोगों की अपेक्षा रोजगार की उपलब्धता सीमित होती है.
जानिए किसे मिल रहा लाभ
राज्य सरकार ने भूमिहीन कृषि मजदूरों को आर्थिक रूप से संबल देने के उददेश्य से राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की शुरूआत वर्ष 2021-2022 में की है. योजना के माध्यम से कृषि मजदूरों की ग्रामीण आबादी को लाभ मिल रहा था. किंतु कृषि मजदूरों की शहरी आबादी योजना के लाभ से वंचित थी. मुख्यमंत्री ने 25 मार्च 2023 को राजीव गांधी नगरीय भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का शुभारंभ किया. राज्य के समस्त ग्राम पंचायत के साथ-साथ अब नगर पंचायत क्षेत्रों और सभी अनुसूचित क्षेत्रों में निवासरत बैगा-गुनिया, मांझी-पुजारी, हाट पहरिया, एवं बाजा मोहरिया को भी योजना में शामिल किया गया है.
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