बलरामपुर जिले वाड्रफनगर का युवक गुजरात के में किसी कंपनी में मजूदीर करता था. जो तबियत ठीक नहीं होने की वजह से वापस छत्तीसगढ़ आ रहा था, जिसे भीड़ ने चोर के शक में पीट पीटकर हत्या कर दी.
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शैलेंद्र सिंह/बलरामपुर: गुजरात में खेड़ा जिले (Kheda District) के वनसोल गांव में बलरामपुर जिले (Balrampur District) वाड्रफनगर (Wadrafnagar) के मजदूर की मॉब लिंचिंग (Mob lynching) हो गई. वह गुजरात कमाने-खाने के लिए गया था. चोरी के शक में वनसोल गांव के लोगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने अहमदाबात के सिविल अस्पताल लेकर गई. जहां डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया.
जानिए पूरा मामला
दरअसल रामेश्वर खैरवार बलरामपुर जिले के हरिगवा गांव का रहने वाला है जो कि अपने ससुराल मढ़ना गांव में लंबे समय से रह रहा था और परिवार को चलाने के लिए मजदूरी का काम करने के लिए गुजरात आना जाना करता था. रामेश्वर खैरवारके परिवार में उसकी पत्नी और तीन बच्चे हैं, जिनका पालन पोषण रामेश्वर ही करता था. बीते 16 मार्च को रामेश्वर मढ़ना से गुजरात के खेड़ा गया हुआ था. जहां पर उसकी कुछ दिन पहले अपने पत्नी से बात हुई थी और रामेश्वर का कहना था कि उसकी तबियत ठीक नही लग रही है और वह वापस अपने गांव आना चाहता है. इसके बाद रामेश्वर जिस कंपनी में काम करता था, वहां से अपने मजदूरी के पैसे लेकर ट्रेन से वापस आ रहा था और रास्ते मे करीब 70 किलोमीटर के बाद ट्रेन से उतर गया.
चोरी के शक में गांव वालों ने किया मारपीट
मृतक की पत्नी ने बताया कि रामेश्वर की दिमागी हालत ठीक नहीं थी. इसलिए गुजरात के किसी गांव को अपना गांव समझ कर ट्रेन से उतर गया, जहां पर उसे चोरी के शक पर गांव के लोगो ने उसके साथ मारपीट की थी और इलाज के दौरान गुजरात मे ही उसकी मौत हो गई थी. जिसकी सूचना कंपनी के मुंशी ने मृतक रामेश्वर के परिजनों को दी थी, जिसके बाद मृतक के परिजन रामेश्वर के डेथ बॉडी को लेने के लिए गुजरात रवाना हो चुके है.
थाने से नहीं मिली सहायता
वहीं अब रामेश्वर की मौत के बाद परिवार के सामने बच्चों के भविष्य की समस्या खड़ी हो गई है, क्योंकि परिवार को चलाने वाला रामेश्वर ही था, जो अब माब लिंचिंग का शिकार हो चुका है और अब परिवार वाले सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे हैं. वहीं मृतक की पत्नी ने बताया कि पति की मौत की जानकारी के बाद उसके डेथ बॉडी को लाने के लिए रघुनाथ नगर थाने में सहायता मांगने गई थी लेकिन वहां पर मृतक का पंजियन मांगा गया, जो कि उसके पास नहीं था, जिसके बाद मृतक के परिजन खुद ही गुजरात के लिए रवाना हो गए हैं.
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