Jyotiraditya Scindia: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 163 सीटों पर जीत हासिल करके बड़ा बहुमत हासिल किया है. इस चुनाव में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों का भी अहम योगदान रहा है. सिंधिया के क्षेत्र ग्वालियर-चंबल में भी बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों को भी बीजेपी ने बड़ी संख्या में टिकट दिए थे. लेकिन सिंधिया समर्थकों की सीटों पर बड़ा उलटफेर हुआ है. इस चुनाव में उनके तीन बड़े मंत्रियों को भी हार का सामना करना पड़ा है.
सिंधिया फेक्टर बीजेपी के लिए आया काम
खास बात यह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया पर इस चुनाव में सबकी नजरें थी. क्योंकि कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के बाद उनका यह पहला चुनाव था. जिसमें सिंधिया बीजेपी के लिए फायेदमंद ही साबित रहे हैं. सिंधिया के जिन समर्थकों को बीजेपी ने टिकट दिया था, उनमें आधे से ज्यादा इस बार चुनाव जीतने में कामयाब रहे. खास बात यह है कि 2020 में जो विधायक सिंधिया के साथ आए थे और फिर उपचुनाव जीते थे, उनमें से ज्यादातर को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. लेकिन सिंधिया ने अपने कुछ ऐसे समर्थकों को टिकट दिया था, जो बाद में बीजेपी में शामिल हुए थे, उन प्रत्याशियों ने इस बार चुनाव जीत लिया है. यानि सिंधिया फेक्टर एक तरह से ग्वालियर-चंबल में बीजेपी के लिए काम कर गया.
ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक ये मंत्री जीते चुनाव
तुलसीराम सिलावट
इंदौर जिले की सांवेर सीट से चुनाव लड़े सिंधिया समर्थक मंत्री तुलसी सिलावट ने बड़ी जीत हासिल की है. उन्होंने कांग्रेस की रीना बौरासी को हराया है. सिलावट शिवराज कैबिनेट में सीनियर मंत्री थे. इस बार भी उन्होंने 60 हजार से भी ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है.
प्रद्युम्न सिंह तोमर
ग्वालियर सीट से प्रद्युम्न सिंह तोमर ने एक बार फिर बड़ी जीत हासिल की है. प्रद्युम्न सिंह तोमर ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक माने जाते हैं. उन्होंने इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के सुनील शर्मा को हराया है.
गोविंद सिंह राजपूत
सागर जिले की सुरखी विधानसभा सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने भी कड़े मुकाबले में कांग्रेस के नीरज शर्मा को हराया है. गोविंद सिंह राजपूत भी सिंधिया के साथ 2020 में विधायकी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे.
डॉ. प्रभुराम चौधरी
रायसेन जिले की सांची विधानसभा सीट से सिंधिया समर्थक मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने भी बड़ी जीत हासिल की है. उन्होंने कांग्रेस के डॉ. जीसी गौतम को चुनाव हराया है, डॉ. प्रभुराम चौधरी ने 2020 के उपचुनाव में भी बड़ी जीत हासिल की थी.
बृजेंद्र सिंह यादव
सिंधिया के एक और कट्टर समर्थक बृजेंद्र सिंह यादव ने भी मुंगावली विधानसभा सीट से जीत हासिल की है. बृजेंद्र सिंह यादव सिंधिया का करीबी माना जाता है, वह 2020 के उपचुनाव में भी बड़ी जीत हासिल करने में सफल रहे थे.
सिंधिया के इन समर्थकों ने हासिल की जीत
- मोहन सिंह राठोड़, भितरवार विधानसभा सीट
- महेंद्र सिंह यादव, कोलारस विधानसभा सीट
- जग्ननाथ सिंह रघुवंशी, चंदेरी विधानसभा सीट
- श्रीकांत चतुर्वेदी, मैहर विधानसभा सीट
- मनोज चौधरी, हाटपिपलिया विधानसभा सीट
सिंधिया समर्थक ये तीन मंत्री हारे
राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव
ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक और 2020 में उनके साथ विधायकी छोड़कर आने वाले राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव इस बार चुनाव हार गए. राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव को कांग्रेस के भंवर सिंह शेखावत ने चुनाव हराया है, जो चुनाव से ऐन पहले बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. हालांकि यहां मुकाबला आखिरी तक चलता रहा था.
महेंद्र सिंह सिसोदिया
गुना जिले की बमोरी सीट पर सिंधिया के एक और कट्टर समर्थक मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया की हार भी चौंकाने वाली रही. उन्हें कांग्रेस के ऋषि अग्रवाल ने हराया. सिसोदिया 2020 में इसी सीट पर 50 हजार के मार्जिन से उपचुनाव जीते थे. लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा है.
सुरेश धाकड़
शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा सीट से सिंधिया समर्थक राज्यमंत्री सुरेश धाकड़ को भी हार का सामना करना पड़ा है. उन्हें कांग्रेस के कैलाश कुशवाहा ने हराया है. प्रदेश में मंत्रियों में उनकी सबसे बड़ी हार है. सुरेश धाकड़ के समर्थन में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जमकर प्रचार किया था.