घातक हथियार, हाईटेक गैजेट्स... घाटी की जमीन से कमांडोज करेंगे आतंक का END GAME
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घातक हथियार, हाईटेक गैजेट्स... घाटी की जमीन से कमांडोज करेंगे आतंक का END GAME

कश्मीर घाटी में जम्मू-कश्मीर पुलिस को और मजबूत करने के लिए, जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल आपरेशन ग्रुप के 300 से अधिक विशेष रूप से प्रशिक्षित कमांडो के एक समूह को घाटी के 43 संवेदनशील पुलिस स्टेशनों में तैनात किया गया है.

घातक हथियार, हाईटेक गैजेट्स... घाटी की जमीन से कमांडोज करेंगे आतंक का END GAME

कश्मीर घाटी में जम्मू-कश्मीर पुलिस को और मजबूत करने के लिए, जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल आपरेशन ग्रुप के 300 से अधिक विशेष रूप से प्रशिक्षित कमांडो के एक समूह को घाटी के 43 संवेदनशील पुलिस स्टेशनों में तैनात किया गया है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक, घाटी में आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए इन कमांडो को आतंकरोधी अभियानों में तैनात किया जाएगा.

स्पेशल आपरेशन ग्रुप कमांडो जिन्हें शांति और स्थिरता टीमों के रूप में भी जाना जाता है, को जम्मू-कश्मीर के 43 पुलिस स्टेशनों में तैनात किया गया और उन्हें नवीनतम गैजेट और अन्य सुविधाएं प्रदान की गई हैं. पहले चरण में क्षमता निर्माण में 21 पुलिस स्टेशनों को शामिल किया गया, जबकि आज घाटी में आतंकी नेटवर्क को खत्म करने के मकसद से 22 और पुलिस स्टेशनों को नए बुलेटप्रूफ वाहन और 14 कमांडो की एक टुकड़ी नवीनतम हथियारों से लैस दिए गए.

जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बताया कि हमने आपरेशन क्षमता निर्माण शुरू किया है और इसके तहत, हमने पहले चरण में 21 पुलिस स्टेशनों को कवर किया है जिन्हें मजबूत किया गया है और आतंकवाद से निपटने के लिए नवीनतम गैजेट और अन्य सुविधाएं प्रदान की गई हैं. इन विशेष टीमों को अपने-अपने पुलिस स्टेशन में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. वे सभी नए हाई तकनीक वाले हथियारों को संभाल सकते हैं. यूटी से शेष आतंकवाद को खत्म करने के लिए ओसीबी के तहत अब दूसरे चरण में 22 और पुलिस स्टेशनों को कवर किया जाएगा. पुलिस के महानिदेशक सिंह ने और कहा कि वे स्थानीय लोगों को सुरक्षित महसूस करने में मदद करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि घाटी आतंक मुक्त हो.

जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी ने यह भी कहा कि उनके 5 साल के कार्यकाल में शून्य कानून-व्यवस्था और शून्य नागरिक क्षति की घटनाएं हुई हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद का ग्राफ काफी नीचे आ गया है और अंतिम सांस ले रहा है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पांच साल के रिपोर्ट कार्ड से पता चलता है कि जीरो कोलैटरल डैमेज, शून्य कानून और व्यवस्था की घटना और शून्य नागरिक हताहत हुआ है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि जिस आतंकवाद ने जम्मू-कश्मीर को बदनाम किया, उसका ग्राफ भी शून्य पर आ रहा है.

दिलबाग सिंह बोले कि जनता के समर्थन के बिना जम्मू-कश्मीर पुलिस कभी भी सभी लक्ष्य हासिल नहीं कर पाती. उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस लोगों की मित्रता पुलिस है और हमेशा लोगों की सुरक्षा के लिए काम करती है. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को सीमा पार भेजने की कोशिशें बंद नहीं हुई हैं. पड़ोसी देश यहां आतंकवाद को फिर से बढ़ावा देने और मजबूत करने की लगातार कोशिश कर रहा है, लेकिन सुरक्षा बल हर कदम उठाएंगे जो जरूरी हैं और ऐसे किसी भी मंसूबे को कामयाब नहीं होने देंगे.

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