Ladki Bahin scheme: महाराष्ट्र में महायुति की सरकार बनवाने में लड़की-बहिन योजना का बहुत बड़ा हाथ है. अब इस योजना को लेकर महाराष्ट्र के एक नेता ने अल्टीमेटम दिया है. जानें क्या है पूरा मामला. अल्टीमेटम देने की क्यों आई नौबत.
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Chhagan Bhujbal On Ladki Bahin scheme: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता छगन भुजबल ने सोमवार को मांग की कि ‘लाडकी बहिन योजना’ का लाभ उठाने वाली अपात्र महिलाएं या तो स्वेच्छा से इस योजना से बाहर हो जाएं, या राज्य सरकार को उन पर जुर्माना लगाना चाहिए. आर्थिक रूप से वंचित वर्ग की पात्र महिलाओं को महाराष्ट्र सरकार की इस योजना के तहत 1,500 रुपये की मासिक नकद सहायता मिलती है.
योग्य पात्र को मिले फायदा, वरना सरकार लगाए जुर्माना
भुजबल ने आरोप लगाया कि फॉर्म भरे जाने के बाद कुछ लोगों को बिना जांच पड़ताल के ही योजना के लाभ मिल गए. उन्होंने नासिक जिले में अपने निर्वाचन क्षेत्र येवला में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा मानना है कि जो महिलाएं योजना के नियमों का पालन नहीं करती हैं या पात्रता मानदंड को पूरा नहीं करती हैं, उन्हें स्वयं ही अपना नाम वापस ले लेना चाहिए. यदि वे ऐसा करने में विफल रहती हैं, तो सरकार को उन पर जुर्माना लगाना चाहिए.’’
सरकार से नाराज नेता भुजबल दे रहे अल्टीमेटम
उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अगुवाई वाली राकांपा द्वारा राज्य मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किये जाने के कारण भुजबल नाराज हैं. महाराष्ट्र में लाडकी बहिन योजना के 2.43 करोड़ से अधिक लाभार्थी हैं, जिससे राज्य के खजाने पर हर महीने लगभग 3,700 करोड़ रुपये का बोझ पड़ता है. राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने पिछले महीने महिलाओं के लिए मासिक नकद हस्तांतरण योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं के आवेदनों की फिर से जांच करने की महायुति सरकार की कथित योजना से संबंधित खबरों को खारिज कर दिया था.
इसी योजना के दमपर पाई थी जीत?
माना जा रहा है कि महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के दौरान इस योजना ने भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति की जीत में योगदान दिया है. ऐसा इसलिए क्योंकि लड़की बहिन योजना की शुरुआत इस साल जनवरी में की गई थी. इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये की मासिक सहायता प्रदान की जाती है. इनपुट भाषा से भी