Navy : पिछले 40 घंटों तक चले बचाव अभियान में लगभग 2600 किमी दूर चल रहे समुद्री डाकू जहाज रुएन को रोक लिया है. भारतीय नौसेना ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि भारतीय युद्धपोत आईएनएस कोलकाता ने सभी 35 समुद्री लुटेरों को सफलतापूर्वक घेर लिया और उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया.
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Indian Navy : भारतीय नौसेना ने अरब सागर में लगभग 40 घंटे चले बचाव अभियान में 35 समुद्री लुटेरों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया. सोमाली के समुद्री डाकुओं के खिलाफ 40 घंटे भारतीय नौसेना के ऑपरेशन के बाद एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. तीन महीने पहले डाकुओं द्वारा हाइजैक किए गए मालवाहक जहाज को सुरक्षित बचा लिया गया है. इसके अलावा पूर्व मर्चेंट शिप रुएन के चालक दल के 17 सदस्यों को भी सुरक्षित निकाल लिया है.
वहीं कम से कम 35 डाकुओं ने भारतीय नौसेना के आगे घुटने टेक दिए. बड़े कार्गो शिप और चालक दल को बचाने के लिए भारतीय नौसेना पानी में 2600 किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंची थी. नौसेना के होसले, दमदार ऑपरेशन और सूझबूझ की वजह से ही यह बड़ी कामयाबी हाथ लगी है.
नौसेना ने रविवार ( 17 मार्च ) को बताया कि उसने क्षेत्र से गुजरने वाले जहाजों को अपहरण करने के सोमाली समुद्री लुटेरों के मंसूबों पानी फेरने के लिए अरब सागर में आईएनएस कोलकाता को तैनात किया था. नौसेना ने कहा, “पूर्व मर्चेंट शिप रुएन को 15 मार्च को आईएनएस कोलकाता ने रोका, रुएन का दिसंबर 2023 में अपहरण कर लिया गया था और यह सोमालियाई समुद्री डाकुओं के नियंत्रण में था.
इसमें कहा गया कि आईएनएस कोलकाता ने जहाज से लॉन्च किए गए ड्रोन के जरिए एमवी रुएन पर सशस्त्र समुद्री लुटेरों की मौजूदगी का पता लगाया. नौसेना ने कहा, एक लापरवाह शत्रुतापूर्ण कार्रवाई करते हुए समुद्री डाकुओं ने ड्रोन को मार गिराया और भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर गोलीबारी की. आईएनएस कोलकाता ने जहाज के स्टीयरिंग सिस्टम और नेविगेशनल सहायता को निष्क्रिय कर दिया, जिससे समुद्री डाकू जहाज को रुकने के लिए मजबूर हो गए.
नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि भारत की मुख्य भूमि से 1,400 समुद्री मील (2,600 किमी) दूर जारी समुद्री डकैती रोधी अभियान में भारतीय नौसेना के प्रयासों को क्षेत्र में आईएनएस सुभद्रा की तैनाती और सी-17 विमान द्वारा समुद्री कमांडो (प्रहार) को एयर-ड्रॉप करके बढ़ाया गया था. साथ ही उन्होंने कहा, कि समुद्री डाकू जहाज को हेल आरपीए और पी8आई समुद्री टोही विमान द्वारा निगरानी में रखा गया था.
भारतीय नौसेना की तरफ से 40 घंटे से अधिक समय तक के निरंतर दबाव और सुविचारित कार्रवाई के कारण, सभी 35 सोमाली समुद्री लुटेरों ने 16 मार्च को आत्मसमर्पण कर दिया, जबकि एमवी रुएन के सभी 17 मूल चालक दल के सदस्यों को बिना किसी चोट के समुद्री डाकुओं के चंगूल से सुरक्षित निकाल लिया गया. उन्होंने कहा कि अवैध हथियारों, गोला-बारूद और प्रतिबंधित सामग्री की संभावित मौजूदगी के लिए जहाज तलाशी ली.
नौसेना ने यह भी बताया कि 17 मार्च को मर्चेंट शिप रुएन की समुद्री योग्यता का आकलन किया जाएगा और लगभग 37,800 टन माल ले जाने वाले जहाज, जिसकी कीमत लगभग दस लाख डॉलर है, को सुरक्षित रूप से भारत लाया जाएगा.