दुश्मन के ड्रोन पर कहर बनकर टूटता है 'वज्र', रूस-US के मुकाबले भारत की एंटी ड्रोन गन कितनी पावरफुल?
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दुश्मन के ड्रोन पर कहर बनकर टूटता है 'वज्र', रूस-US के मुकाबले भारत की एंटी ड्रोन गन कितनी पावरफुल?

How Vajra Shot Gun Works: वज्र शॉट बेहद हल्की और हाथ से चलाई जाने वाली एंटी ड्रोन गन है, जो 4 किलोमीटर तक वार करने के साथ-साथ उसे जाम तक कर सकती है. इसे भारतीय सेना और एयरफोर्स में तैनात किया जा चुका है. 

दुश्मन के ड्रोन पर कहर बनकर टूटता है 'वज्र', रूस-US के मुकाबले भारत की एंटी ड्रोन गन कितनी पावरफुल?

Vajra Shot Gun: आज जंग के मैदान में बिना सेना भेजे भी तबाही मचाई जा सकती है. दुनिया के कई देशों के पास ऐसे घातक ड्रोन हैं, जो दुश्मनों को मौत की नींद सुलाने के लिए काफी हैं. लेकिन इन ड्रोन्स का मुकाबला करने के लिए अब अस्त्र आ चुके हैं. इसी कड़ी में भारत के पास है वज्र शॉट, जिसे चेन्नई की बिग बैंग बूम सॉल्यूशन्स ने बनाया है. आइए आपको इस एंटी ड्रोन गन के बारे में बताते हैं. 

वज्र शॉट बेहद हल्की और हाथ से चलाई जाने वाली एंटी ड्रोन गन है, जो 4 किलोमीटर तक वार करने के साथ-साथ उसे जाम तक कर सकती है. इसे भारतीय सेना और एयरफोर्स में तैनात किया जा चुका है. यह जानकारी दी कंपनी के प्रतिनिधि रवि कुमार ने. उन्होंने कहा कि उनको 25 मिलियन डॉलर के ऑर्डर अब तक मिल चुके हैं. 

वज्र शॉट गन की खासियतें

वज्र शॉट गन का वजन 3.5 किलो है. इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि जंग के मैदान में सैनिक आसानी से इस्तेमाल कर सकें. यह रडार सिस्टम से लैस है, जो 4 किलोमीटर दूर से ही ड्रोन को डिटेक्ट कर सकता है. एक बार डिटेक्ट होने के बाद वज्र शॉट ड्रोन की कम्युनिकेशन फ्रीक्वेंसी को जाम कर सकता है, जिससे उसका कंट्रोल डगमगा जाता है और वह क्रैश हो जाता है. ड्रोन डिटेक्शन साइट इसकी रियल टाइम इफेक्टिवनेस को बढ़ाती है.

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आइए अब जानते हैं कि दुनिया की बाकी एंटी ड्रोन गन्स की तुलना में यह कहां ठहरती है. 

अमेरिका: अमेरिका ने ड्रोन डिफेंडर और कोयोट यूएवी जैसे कई एडवांस एंटी-ड्रोन सिस्टम तैयार किए हैं. ड्रोन डिफेंडर ड्रोन कम्युनिकेशन में रुकावट डालने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी जैमिंग का इस्तेमाल करता है, जबकि रेथियॉन की ओर से बनाए गए कोयोट यूएवी, दुश्मन ड्रोन को रोकने और नष्ट करने के लिए रडार-डायरेक्टेड मिसाइलों का इस्तेमाल करता है. इस सिस्टम से हाई टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन मिलते हैं लेकिन अक्सर वज्र-शॉट की तुलना में ज्यादा मुश्किल और भारी होते हैं.

चीन: चीन की एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी में स्काई नेट और ड्रोन किलर सिस्टम शामिल हैं. स्काई नेट सिस्टम ड्रोन का पता लगाने और उसे बेअसर करने के लिए रडार और इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग को इंटीग्रेट करता है, जबकि ड्रोन किलर सीरीज को हाथ में पकड़कर चलाया जा सकता है. यह रेडियो फ्रीक्वेंसी में रुकावट डालकर ड्रोन सिग्नल को खराब कर देते हैं. ये सिस्टम एडवांस हैं लेकिन वज्र-शॉट के आसान डिजाइन की तुलना में ज्यादा महंगे हैं.

इजराइल: एडवांस एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी के मामले में तो इजरायल का कोई सानी ही नहीं है. उदाहरण के लिए, ड्रोन डोम सिस्टम दुश्मन के ड्रोन को तुरंत मार गिराने के लिए रडार और हाई एक्यूरेसी वाले लेजर का इस्तेमाल करता है. इस सिस्टम की एक्यूरेसी और तुरंत एक्शन वाली क्षमताएं इसे ज्यादा असरदार बनाती हैं. हालांकि यह वज्र-शॉट की तुलना में ज्यादा महंगा और मुश्किल है.

रूस: रूस ने भी ड्रोन को मार गिराने वाली एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी विकसित की है. उनके पास REX-1 जैसे सिस्टम हैं. यह हाथ से चलाए जाने वाला हथियार है, जिसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी में रुकावट डालने और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे दुश्मन का ड्रोन नष्ट हो जाता है. यह भी वज्र शॉट जैसा ही है.लेकिन REX-1 का वजन ज्यादा है और ऑपरेशनल फ्लेसिबिलिटी भी कम है. 

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