मई की मार तो कुछ भी नहीं, जून में और कहर ढाएगी गर्मी, मॉनसून को लेकर क्या बोला IMD?
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मई की मार तो कुछ भी नहीं, जून में और कहर ढाएगी गर्मी, मॉनसून को लेकर क्या बोला IMD?

IMD Predictions: महापात्र ने सोमवार को कहा कि भीषण गर्मी से तप रहे दिल्ली समेत उत्तर पश्चिम भारत के लोगों को 30 मई के बाद भीषण लू से राहत मिल सकती है. 

मई की मार तो कुछ भी नहीं, जून में और कहर ढाएगी गर्मी, मॉनसून को लेकर क्या बोला IMD?

Weather News: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने देश में सामान्य से ज्यादा बारिश होने का सोमवार को अनुमान जताया. IMD ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने के आसार हैं. आईएमडी चीफ मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि जून से सितंबर के बीच दक्षिण पश्चिम मॉनसून के तहत पूरे देश में नॉर्मल से ज्यादा बारिश होने की संभावना है.

उन्होंने कहा कि इन चार महीनों के दौरान बारिश लॉन्ग टर्म एवरेज (LPA) का 106 प्रतिशत होने की संभावना है. हालांकि, उन्होंने बताया कि दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत उत्तर पश्चिम भारत में नॉर्मल बारिश होने के आसार हैं.

30 मई के बाद मिलेगी राहत लेकिन...

महापात्र ने सोमवार को कहा कि भीषण गर्मी से तप रहे दिल्ली समेत उत्तर पश्चिम भारत के लोगों को 30 मई के बाद भीषण लू से राहत मिल सकती है. उन्होंने कहा, उत्तर पश्चिम भारत के हिस्सों में भीषण लू चल रही है और यह अगले तीन दिनों तक जारी रह सकती है, लेकिन 30 मई से इसकी तीव्रता धीरे-धीरे कम होगी, क्योंकि एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आ रहा है. 

उन्होंने कहा कि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और अरब सागर से नमी आने के कारण देश के उत्तर पश्चिम और मध्य भागों में गरज के साथ बारिश होने के अलावा पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में बारिश होने की संभावना है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिल सकती है.

जून में बढ़ेगा पारा, सताएगी उमस

हालांकि, महापात्र ने यह भी कहा कि यह राहत अस्थायी होगी और जून के महीने में दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान समेत भारत के ज्यादातर हिस्सों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहने की आशंका है और उमस भी बढ़ेगी.

उनके मुताबिक, दक्षिणी प्रायद्वीप के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहता है, जबकि उत्तर पश्चिम के सुदूर उत्तरी भाग और पूर्व व उत्तर पूर्व भारत के कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रह सकता है.

उन्होंने यह भी कहा कि जून में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात के कुछ हिस्सों और उत्तरी मध्य प्रदेश समेत उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य से ज्यादा दिनों तक तेज लू चल सकती है. 

लू ज्यादा दिन मचाएगी कहर

महापात्र ने कहा कि उत्तर पश्चिम भारत में जून के महीने में आम तौर पर तीन दिन लू चलती है, लेकिन इस बार इन इलाकों में दो-चार दिन ज्यादा ऐसी स्थिति बन सकती है यानी इन इलाकों में चार से छह दिन भयंकर लू चलने का अनुमान है. उन्होंने बताया कि मई के महीने में राजस्थान और गुजरात में नौ से 12 दिन तक लू चली और तापमान 45 से 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. 

बारिश के कितने हैं आसार?

महापात्र ने आगे कहा, ओडिशा और इससे सटे पश्चिम बंगाल के गंगा के क्षेत्र, दक्षिण छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तरी राज्यों के अनेक हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि बारिश पर आधारित कृषि क्षेत्र में भी बारिश सामान्य से ज्यादा होने की संभावना है, जिनमें राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड और ओडिशा के हिस्से शामिल हैं. 

महापात्र ने कहा कि अगर बारिश एलपीए का 90 प्रतिशत से कम होती है, तो उसे कम बारिश माना जाता है. उनके मुताबिक, 90 से 95 प्रतिशत के बीच बारिश को सामान्य से नीचे, 96 से 104 प्रतिशत के बीच सामान्य और 105 से 110 प्रतिशत के बीच सामान्य से ज्यादा बारिश माना जाता है. 

मॉनसून को लेकर क्या बोला IMD

IMD चीफ ने कहा कि दीर्घावधि औसत के तहत एक जून से 30 सितंबर के बीच पूरे देश में औसतन 87 सेंटीमीटर बारिश होती है. उन्होंने कहा कि मध्य भारत और दक्षिण प्रायद्वीप में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है. उनके मुताबिक, इन क्षेत्रों में एलपीए का 94 से 106 प्रतिशत बारिश हो सकती है. 

महापात्र ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून बंगाल की खाड़ी के दक्षिण और पूर्व मध्य के अधिकतर हिस्सों तक बढ़ गया है. उन्होंने बताया कि अगले पांच दिनों के दौरान मॉनसून के दक्षिण अरब सागर के कुछ और हिस्सों में तथा केरल और तमिलनाडु-पुडुचेरी के कुछ हिस्सों और बंगाल की खाड़ी व पूर्वोत्तरी राज्यों के कुछ हिस्सों की ओर बढ़ने की अनुकूल स्थितियां हैं.

(पीटीआई इनपुट के साथ)

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