IAS-IPS की कहां होती है ट्रेनिंग, कौन देता है खाने-रहने का खर्च? पढ़ें सैलरी से लेकर सुविधाओं की लिस्ट
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IAS-IPS की कहां होती है ट्रेनिंग, कौन देता है खाने-रहने का खर्च? पढ़ें सैलरी से लेकर सुविधाओं की लिस्ट

UPSC Exam: यूपीएससी परीक्षा देने के लिए किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन जरूरी है. सिविल सर्विस एग्जाम की तीन स्टेज होती हैं- पहला प्री, दूसरा मेन एग्जाम और तीसरा इंटरव्यू या पर्सनालिटी टेस्ट. जब उम्मीदवार ये तीनों पास कर लेते है तब उन्हें रैंक अनुसार IAS, IPS या IFS आदि सर्विसेज में भेज दिया जाता है. 

IAS-IPS की कहां होती है ट्रेनिंग, कौन देता है खाने-रहने का खर्च? पढ़ें सैलरी से लेकर सुविधाओं की लिस्ट

IAS-IPS Salary: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा और इंटरव्यू पास करने के बाद युवा आईएएस, आईपीएस और आईएफएस की ट्रेनिंग शुरू हो जाती है. इसके लिए उनको मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री एकेडमी (LBSNAA) ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन भेजा जाता है. सबसे पहले 3 महीने का एक फाउंडेशन कोर्स होता है. यहां उनको प्रशासन की बुनियादी बातों से वाकिफ कराया जाता है. आईपीएस आगे की ट्रेनिंग हैदराबाद में पूरी करते हैं. आईएएस और आईपीएस दोनों की दो साल की ट्रेनिंग होती है. यह पूरी होने के बाद उनको जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) से एमए (लोक प्रशासन) की डिग्री दी जाती है. 

यूपीएससी परीक्षा देने के लिए किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन जरूरी है. सिविल सर्विस एग्जाम की तीन स्टेज होती हैं- पहला प्री, दूसरा मेन एग्जाम और तीसरा इंटरव्यू या पर्सनालिटी टेस्ट. जब उम्मीदवार ये तीनों पास कर लेते है तब उन्हें रैंक अनुसार IAS, IPS या IFS आदि सर्विसेज में भेज दिया जाता है. अगर कैंडिडेट की रैंक अच्छी हो तो उसके पास ऑप्शन्स भी होते हैं. कई उम्मीदवार ऐसे भी होते हैं, जो IAS, IFS बन सकते हैं लेकिन वह पुलिस सर्विस को चुनते हैं.

LBSNAA क्या है?

LBSNAA की स्थापना साल 1959 में हुई थी. यहां से ट्रेनिंग लेने के बाद आईएएस अफसरों को उनके कैडर में भेज दिया जाता है, जहां वह दी हुई जिम्मेदारियां निभाते हैं. इस एकेडमी के मेन कैंपस के अलावा 5 अन्य कॉम्प्लेक्स भी हैं. इसके अलावा 17 अन्य संपत्तियां भी हैं. यहां आईटी, डिस्पेंसरी, ऑफिस मेस, हॉर्स राइडिंग और दिव्यांगों के लिए भी सुविधाएं हैं.

कितनी होती है फीस?

जो ट्रेनी आईएएस-आईपीएस LBSNAA में रहते हैं, उनको बेहद मामूली फीस भरनी पड़ती है. इसमें बिजली और पानी का खर्च होता है. यह सैलरी से कट जाता है. गौरतलब है कि हर महीने आईएएस-आईपीएस को बतौर स्टाइपेंड 40 हजार रुपये मिलते हैं.

क्या शामिल होता है.

इसमें एक रूम के लिए प्रति व्यक्ति 350 रुपये देने पड़ते हैं. दो लोगों के लिए 175 रुपये और मेस का शुल्क करीब 10000 रुपये होता है. 

LBSNAA में ट्रेनिंग के दौरान क्या-क्या होता है

  • फाउंडेशन कोर्स

  • फेज-1

  • डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग

  • फेज-2

  • असिस्टेंट सेक्रेटरीशिप

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