20 साल के बाद CAA ने इस हिंदू परिवार की जगाई उम्मीद, पाकिस्तान से तंग आकर भारत में ली थी शरण
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20 साल के बाद CAA ने इस हिंदू परिवार की जगाई उम्मीद, पाकिस्तान से तंग आकर भारत में ली थी शरण

सिंधी परिवार के लोगों ने बताया कि, अब मोदी सरकार द्वारा पारित किये गए CAA के कानून के जरिये उन्हें नागरिकता मिल पाएगी ऐसी एक उम्मीद जगी है.

पकिस्तान में सिंधी परिवार पर हुए अत्याचार के बाद वे पिछले 20 साल से गुजरात के सूरत में रह रहे है.

गुजरात: पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सखर जिले के बाग़डजी गांव के सिंधी परिवार के लोग पिछले 20 साल से सूरत में रह रहे हैं. परिवार के 10 सदस्य 20 साल से भारतीय नागरिकता से वंचित हैं. उन्होंने अपनी आपबीती जी मीडिया के साथ साझा की है. सिंधी परिवार में 7 महिलाए और 3 पुरुष सदस्यों ने भारत सरकार से भारतीय नागरिकता देने की मांग की है. वर्ष 2000 से सूरत में रह रहे लोगों ने 2007 में मैन्युल अप्लाई किया था लेकिन वर्ष 2012 में उनकी अर्ज़ी खारिज कर दी गई थी. आज़ादी के समय में परिवार के कई सदस्य भारत तो कई पाकिस्तान में रह गए थे.

भारत में रहते परिवार के सदस्य चाहते थे की पकिस्तान में रह रहे परिवार के सदस्य भारत में आकर रहे. गौरतलब है की पकिस्तान में सिंधी परिवार पर हुए अत्याचार के बाद वे पिछले 20 साल से गुजरात के सूरत में रह रहे है. पिछले 20 साल से सूरत में रह ने के बाद भी अभी तक उन्हें भारतीय नागरिकता नहीं मिली है.

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अब मोदी सरकार द्वारा पारित किये गए CAA के कानून के जरिये उन्हें नागरिकता मिल पाएगी ऐसी एक उम्मीद जगी है. साथ ही परिवार के लोगों ने बताया की नागरिकता पाने की प्रक्रिया इतनी जटिल थी की उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. नागरिकता न होने के कारण उनके पास ना तो आधार कार्ड है, और ना ही वोटर कार्ड है जिसके चलते उन्हें बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. हालांकि CAA का कानून आने के बाद उनमे एक उम्मीद जगी है.

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