Ghosi Bypoll 2023: घोसी की सीट BJP के लिए बनी प्रतिष्‍ठा का प्रश्‍न? माहौल देख प्रचार में उतरे दिग्‍गज!
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Ghosi Bypoll 2023: घोसी की सीट BJP के लिए बनी प्रतिष्‍ठा का प्रश्‍न? माहौल देख प्रचार में उतरे दिग्‍गज!

Dara Singh Chouhan Vs Sudhakar singh: समाजवादी पार्टी के विधायक दारा सिंह चौहान के इस्तीफा देने के बाद घोसी विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हो रहा है, इस सीट पर दारा सिंह चौहान अब बीजेपी की तरफ से उम्मीदवार हैं जिनका मुकाबला समाजवादी पार्टी उम्मीदवार सुधाकर सिंह से है.

Ghosi Bypoll 2023: घोसी की सीट BJP के लिए बनी प्रतिष्‍ठा का प्रश्‍न? माहौल देख प्रचार में उतरे दिग्‍गज!

Ghosi Bypoll 2023 latest news:  5 सितंबर को यूपी के घोसी विधानसभा के लिए उपचुनाव होने जा रहा है. इस चुनाव में बीजेपी की तरफ से दारा सिंह चौहान(Dara Singh Chouhan) के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने सुधाकर सिंह को उतारा है. दारा सिंह चौहान इसी सीट से सपा के विधायक रहे लेकिन अखिलेश यादव ने मन उचटा तो घरवापसी की और विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. इस चुनाव में बाहरी और स्थानीय का मुद्दा जोरों पर है. दारा सिंह चौहान का संबंध पड़ोसी जिले आजमगढ़ से है तो सुधाकर सिंह (Sudhakar singh samajwadi party) स्थानीय प्रत्याशी हैं. इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए बीजेपी माइक्रो स्तर मैनेजमेंट (bjp micro level booth management)पर जोर दे रही है.

दारा सिंह चौहान बनाम सुधाकर सिंह

घोसी विधानसभा के लिए दारा सिंह चौहान और सुधाकर सिंह के बीच दोतरफा मुकाबला है, बीएसपी और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों को नहीं उतारा है. कांग्रेस ने सपा उम्मीदवार को समर्थन देने का फैसला किया है लेकिन बीएसपी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं इन सबके बीच बीजेपी किसी भी कीमत पर इस सीट को जीतने की तैयारी में जुटी है.

बूथ स्तर की तैयारी

-बीजेपी की तरफ से संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं
-विधानसभा को चुनावी नजरिए से 85 सेक्टर में बांटा गया है.
-18 मंडल प्रभारियों की नियुक्ति की गई है.
-455 बूथों पर कई दौर की बैठक की गई है.

आखिर क्यों है नाराजगी

दरअसल घोसी के स्थानीय लोगों का कहना है कि यह तो विश्वास के साथ धोखा है. हम अपने कीमती वोट को किसी दल के नाम करते हैं और उसका चेहरा अपने निहीत फायदे के लिए दल बदल लेता है. यही नहीं दारा सिंह चौहान जब बीजेपी के दोबारा हिस्सा बने तो तमाम जातियों के नेता जो अगले विधानसभा चुनाव के लिए खुद को बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर पेश कर रहे थे उन्हें धक्का लगा और नाराजगी बढ़ी. यह भांप बीजेपी के कद्दावर नेताओं ने कमान संभाली और अलग अलग जाति के नेताओं को समझाने की कोशिश की गई. मसलन ठाकुर मतदाताओं को रिझाने के लिए दयाशंकर सिंह खुद कैंपेन कर रहे हैं तो भूमिहारों को समझाने के लिए मंत्री ए के शर्मा डेरा डाले हुए हैं. यही नहीं ब्राह्मण मतदाताओं को सहेजने के लिए गांव गांव दौरा किए. वहीं बीएसपी के खांटी मतदाताओं से भी मुलाकात की.

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