असम में बाढ़ से तबाही, पानी में डूबे 523 गांव, कट रही जमीन, बह गए पुल, रेड अलर्ट जारी
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असम में बाढ़ से तबाही, पानी में डूबे 523 गांव, कट रही जमीन, बह गए पुल, रेड अलर्ट जारी

लखीमपुर में सबसे ज्यादा लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ा है. यहां 22,000 से अधिक लोग बाढ़ की वजह से बेघर हैं. वहीं, डिब्रूगढ़ में 3,900 और कोकराझार में 2,700 से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में आए हैं.

असम में बाढ़ से तबाही, पानी में डूबे 523 गांव, कट रही जमीन, बह गए पुल, रेड अलर्ट जारी

असम में बाढ़ की वजह से 500 से ज्यादा गांव पानी में डूब चुके हैं. हजारों की संख्या में लोग बेघर हो गए हैं. राज्य में कई पुल और सड़क पानी के तेज बहाव की वजह से कटकर बह गए हैं. कई गांवों का संपर्क टूट गया है. इस बीच मौसम विभाग ने भारी बारिश की संभावना को जताते हुए रेड अलर्ट जारी किया है. विभाग का कहना है कि आने वाले दो दिनों में भारी बारिश हो सकती है.

असम के 9 जिलों में 34,000 से अधिक लोग बाढ़ की मार झेल रहे हैं. भूटान और भारत के मौसम विज्ञान विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए असम में भारी से अत्यंत भारी बारिश का अनुमान जताया है. भारी बारिश की वजह से ब्रह्मपुत्र और इसकी सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है.

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) ने कहा कि भूटान सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के मुताबिक देश के छिटपुट इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. इससे नदियों के पानी का लेवल बढ़ सकता है.

लगातार बारिश के बाद पड़ोसी देश में कुरिछू बांध से पानी छोड़ा गया है जिसकी वजह से असम के पश्चिमी हिस्से में पानी का लेवल बढ़ गया है और बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है. आईएमडी ने भी ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है. असम के कई जिलों में ‘अत्यधिक भारी’ बारिश हो सकती है.

गुवाहाटी में 24 घंटे के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है. एएसडीएमए की रिपोर्ट के मुताबिक, कोकराझार, बक्सा, लखीमपुर, डिब्रूगढ़, सोनितपुर, नलबाड़ी, उदलगुरी, बारपेटा और दरांग जिलों में बाढ़ के कारण लगभग 34,100 लोग प्रभावित हुए हैं.

हालांकि, लखीमपुर में सबसे ज्यादा लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ा है. यहां 22,000 से अधिक लोग बाढ़ की वजह से बेघर हैं. वहीं, डिब्रूगढ़ में 3,900 और कोकराझार में 2,700 से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में आए हैं.

एएसडीएमए के मुताबिक, वर्तमान में असम में 523 गांव पानी में डूब चुके हैं. वहीं, 5,842.78 हेक्टेयर खेती की जमीन खराब हो चुकी है. यहां बारपेटा, सोनितपुर, बोंगाईगांव, धुबरी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, कामरूप, मोरीगांव, नलबाड़ी, शिवसागर और उदलगुरी में बड़े पैमाने पर जमीन में कटाव देखा गया है. वहीं, कई जगहों पर भूस्खलन भी हुआ है.

गोलपारा, सोनितपुर, कोकराझार, नागांव, धुबरी, उदलगुरी, दरांग, बोंगईगांव, बारपेटा, चिरांग, कामरूप, करीमगंज और नलबाड़ी में बाढ़ के पानी से बांध, सड़कें और पुल टूट कर बह गए हैं.

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