DNA: हैरान करने वाली बात ये है कि गुलमर्ग और सोनमर्ग में लंबे वक्त से कोई आतंकी हमला नहीं हुआ...दोनों ही इलाकों में आतंकी गतिविधियां या फिर आतंकियों का मूवमेंट भी नहीं देखा गया...इसी वजह से शक पैदा होता है
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Kashmir News: कश्मीर के गुलमर्ग टेरर अटैक में जहां मरने वालों की संख्या 5 हो गई है...इस कायराना हमले में सेना के तीन जवान शहीद हुए और दो स्थानीय कुली भी मारे गए हैं..गुलमर्ग आतंकी हमले में अब कुछ बड़े खुलासे सामने आए हैं. ज़ी न्यूज को सूत्रों से पता चला है कि हमले में चार से पांच आतंकी शामिल थे...हमला सेना के काफिले में शामिल आखिरी गाड़ी पर किया गया था...हमले के लिए M-4 और AK-47 जैसे ऑटोमैटिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया था...सेना की गाड़ी पर स्टील बुलेट्स दागी गई थीं...ये स्टील बुलेट्स गाड़ी की बॉडी को चीर कर निकल जाती हैं...इस हमले की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद के ऑफशूट PAFF ने ली है
असल में PAFF ने भले ही हमले की जिम्मेदारी ली है...लेकिन जिस तरह ये हमला किया गया...वो सीधे रावलपिंडी यानी पाकिस्तानी फौज की तरफ इशारा करता है...क्योंकि इन हमलों के जरिए पाकिस्तानी फौज ने एक तीर से कई निशाने लगाने की नाकाम कोशिश की है
गुलमर्ग के नागिन में हुए आतंकी हमले को चौबीस घंटों का वक्त बीत चुका है...लेकिन अब भी पूरे इलाके में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है...मकसद सिर्फ एक है...किसी भी कीमत पर गुलमर्ग के गुनहगार बचकर ना निकल पाएं...और पाकिस्तानी इरादों को नाकाम किया जाए...सबसे पहले आप गौर से पिछले 5 दिनों के अंदर हुए दो आतंकी हमलों को देखिए
20 अक्टूबर को सोनमर्ग के नजदीक गगनगीर में हुए हमले में AK-47 और M-4 जैसे हथियारों का इस्तेमाल किया गया था...24 अक्टूबर को गुलमर्ग में हुए हमले में भी AK-47 और M-4 का इस्तेमाल किया गया...गगनगीर टेरर अटैक की जिम्मेदारी लश्कर ए तोएबा के ऑफशूट TRF ने ली थी...जबकि गुलमर्ग हमले की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद के ऑफशूट PAFF ने ली है
एक जैसे हथियार...हमले की जिम्मेदारी लेने का तरीका भी एक...ये बताता है कि दोनों हमलों में शामिल आतंकियों का हैंडलर एक ही है...इन दोनों हमलों का मास्टरमाइंड एक ही है...और इन आतंकियों को हथियारों की ट्रेनिंग भी एक ही तरह से दी गई है...यानी इस हमले के पीछे सीधे तौर पर पाकिस्तानी फौज का हाथ होने की संभावना है...क्योंकि आतंकियों की ट्रेनिंग पाकिस्तानी फौज की सरपरस्ती में ही होती है
गगनगीर हमले के पीछे पाकिस्तान से आए आतंकियों का हाथ सामने आया था...बहुत मुमकिन है कि गुलमर्ग में हमला करने वाले आतंकी भी पाकिस्तानी ही हों. हैरान करने वाली बात ये है कि गुलमर्ग और सोनमर्ग में लंबे वक्त से कोई आतंकी हमला नहीं हुआ...दोनों ही इलाकों में आतंकी गतिविधियां या फिर आतंकियों का मूवमेंट भी नहीं देखा गया...इसी वजह से शक पैदा होता है कि पूरी प्लानिंग के साथ आतंकियों ने उन इलाकों को चुना...जहां हमले होने की आशंका ना के बराबर थी.
इस किस्म की प्लानिंग भी...ग्राउंड पर मौजूद आतंकी नहीं कर सकते...इस किस्म की प्लानिंग भी पाकिस्तानी फौज जैसा आतंक परस्त संगठन ही कर सकता है....गुलमर्ग और सोनमर्ग जैसे पर्यटन स्थलों पर हमले कर...लोगों में दहशत फैल सकती है...जिससे कश्मीर के टूरिज्म सेक्टर को नुकसान हो सकता है.
आतंकियों का पहला वार भले ही निशाने पर लगा हो...लेकिन सेना से आया बयान क्लियर कट मैसेज दे गया है...कश्मीर के इन गुनहगारों के दिन ज्यादा नहीं हैं
सिर्फ गुलमर्ग टेरर अटैक ही नहीं...बल्कि पाकिस्तान में चल रही टेरर फैक्ट्री पर भी आज एक और बड़ा खुलासा हुआ है...ये खुलासा जुड़ा है ओसामा बिन लादेन से. खबरें हैं कि पाकिस्तान के एबटाबाद में जिस घर के अंदर ओसामा बिन लादेन मारा गया था...उसी जमीन पर अब एक टेरर कैंप में तब्दील कर दिया गया है...ओसामा के अड्डे और उसकी आसपास की जमीन पर कब्जा कर एक बड़ा टेरर कैंप खड़ा कर दिया गया है...इस कैंप को एबटाबाद में पाकिस्तानी फौज के कैंटोनमेंट एरिया के ठीक पीछे बनाया गया है.
इस कैंप में लश्कर ए तोएबा, हिज्बुल मुजाहिदीन और जैश ए मोहम्मद के आतंकियों को लाया जा रहा है...इस कैंप की कमान ISI के ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी को दी गई है...कैंप के अंदर टारगेट की रेकी करने से लेकर हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. साल 2011 में अमेरिकी सील कमांडोज़ ने एबटाबाद में एक छापा मारकर ओसामा बिन लादेन को मार दिया था...ओसामा के शव को समंदर में दफनाया गया था ताकि उसकी यादें ना रहें...लेकिन पाकिस्तान ने ओसामा के घर को ही...आतंक की नई खेप खड़ी करने का हथियार बना लिया है.
गुलमर्ग से खालिद हुसैन का इनपुट