National Pension Scheme: पेंशन स्कीम को लेकर केंद्र सरकार का बड़ा बयान, जल्द मिल सकती है खुशखबरी!
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National Pension Scheme: पेंशन स्कीम को लेकर केंद्र सरकार का बड़ा बयान, जल्द मिल सकती है खुशखबरी!

NPS And FM Nirmala Sitharaman: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में शुक्रवार को सरकारी कर्मचारियों के पेंशन से जुड़े मुद्दे पर गौर किया और एक नई कमेटी के गठन का प्रस्ताव भी रखा है जो नई पेंशन योजना यानी NPS की समीक्षा करेगी.

फाइल फोटो

National Pension Scheme: वर्तमान समय में देश में नई पेंशन व्यवस्था यानी NPS लागू है. इस पेंशन स्कीम को लेकर सरकारी कर्मचारी अक्सर हड़ताल करते रहते हैं. सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) दी जाए क्योंकि वह इस नई पेंशन व्यवस्था से ज्यादा ठीक थी. आपको बता दें कि साल 2004 में नई पेंशन स्कीम को लागू किया गया था. विपक्षी पार्टियां हमेशा इसे मुद्दा बनाकर चुनाव मैदान में हुंकार भरती हैं. पुरानी पेंशन व्यवस्था को देश में लागू करने की मांग लंबे समय से चली आ रही है. आपको बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में शुक्रवार को सरकारी कर्मचारियों के पेंशन से जुड़े मुद्दे पर गौर किया और एक नई कमेटी के गठन का प्रस्ताव भी रखा है.

क्या करेगी यह कमेटी?

संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वित्त सचिव के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई जाएगी जो न्यू पेंशन स्कीम की समीक्षा यानी रिव्यू करेगी. संसद में हो रहे हंगामे के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री ने संसद में फाइनेंस बिल पेश किया. आपको बता दें कि तमाम दिक्कतों के बाद भी इसे लोकसभा से पास करा दिया गया है. गौरतलब है कि नई और पुरानी पेंशन व्यवस्था अपने कुछ फायदे भी हैं और कुछ नुकसान भी हैं.

नई और पुरानी पेंशन व्यवस्था में फर्क क्या है?

पुरानी पेंशन व्यवस्था में जहां सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद उसके वेतन का 50 फीसदी हिस्सा पेंशन के रूप में दिया जाता था जिसे कर्मचारी के अंतिम बेसिक सैलेरी और तत्कालीन महंगाई दर के आंकड़ों से तय किया जाता था. इसके अलावा इस पेंशन योजना में कर्मचारी के वेतन से कोई भी पैसा नहीं काटा जाता था. इसके साथ ही जब सरकार नया वेतन आयोग शुरू करती है तब पेंशन में भी बढ़ोतरी हो जाती है. नई पेंशन योजना में कर्मचारी की बेसिक सैलरी और DA का 10 फीसदी हिस्सा लिया जाता है और उतना ही योगदान सरकार भी करती है.

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