'जो इस्‍लाम में नहीं, वे बदकिस्‍मती हैं', बीजेपी विधायक बोलीं- फिरहाद हकीम, आपकी हिम्‍मत कैसे हुई? ममता बनर्जी को बनाओ मुस्लिम
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'जो इस्‍लाम में नहीं, वे बदकिस्‍मती हैं', बीजेपी विधायक बोलीं- फिरहाद हकीम, आपकी हिम्‍मत कैसे हुई? ममता बनर्जी को बनाओ मुस्लिम

Firhad Hakim Controversial Statement​: 'जो लोग इस्लाम में पैदा नहीं हुए, वे बदकिस्मत हैं. अगर हम उन्हें दावत (इस्लाम कबूल करने को कहना) दे सकें और उनमें ईमान (इस्लाम के प्रति निष्ठा) ला सकें, तो हम अल्लाह को खुश कर पाएंगे.'

'जो इस्‍लाम में नहीं, वे बदकिस्‍मती हैं', बीजेपी विधायक बोलीं- फिरहाद हकीम, आपकी  हिम्‍मत कैसे हुई? ममता बनर्जी को बनाओ मुस्लिम

Firhad Hakim: पश्चिम बंगाल की भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कोलकाता मेयर फिरहाद हकीम के विवादित बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. पॉल ने कहा "फिरहाद हकीम जो एक मेयर हैं और ममता बनर्जी की पार्टी के सदस्य भी हैं, हकीम ने एक कार्यक्रम में कहा है कि वे बहुत भाग्यशाली हैं और जो लोग दूसरे धर्म में पैदा हुए हैं वे बहुत दुर्भाग्यशाली हैं...वह ऐसा कैसे कह सकते हैं? हमें हिंदू होने पर गर्व है और वह ऐसी बात कहने की हिम्मत कैसे कर सकते हैं? और ऐसी बात कहने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उन्हें अपने पद से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए था..."

कोलकाता मेयर फिरहाद हकीम ने एक बार फिर से विवादित बयान देते हुए गैर मुस्लिमों को बदकिस्मत बताया है. उनके बयान पर बंगाल बीजेपी के नेता एक सुर में टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगास की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सफाई मांग रहे हैं.

 'दावत-ए-इस्लाम' पर बंगाल में विवाद
 पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने पार्टी विधायकों के साथ टीएमसी मंत्री और मेयर फिरहाद हकीम की 'दावत-ए-इस्लाम' टिप्पणी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और विधानसभा सत्र का बहिष्कार किया है. देखें वीडियो:-

3 जुलाई को दिया था फिरहाद हकीम ने बयान 
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के मेयर और TMC सरकार में कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम ने 3 जुलाई, 2024 को एक दिए बयान में गैर-मुस्लिमों को बदकिस्मत बताया था. हकीम ने सार्वजनिक तौर पर इस्लाम कबूल करने का आह्वान किया. इसके बाद उनके इस बयान पर विवाद हो गया.

फिरहाद हकीम क्‍या बोले थे?
फिरहाद हकीम ने कहा था, “जो लोग इस्लाम में पैदा नहीं हुए, वे बदकिस्मत हैं. अगर हम उन्हें दावत (इस्लाम कबूल करने को कहना) दे सकें और उनमें ईमान (इस्लाम के प्रति निष्ठा) ला सकें, तो हम अल्लाह को खुश कर पाएँगे.”

'इस्‍लाम फैलाओ, सच्‍चा मुसलमान बनो'
फिरहाद हकीम यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा, “हमें गैर-मुसलमानों के बीच इस्लाम का प्रसार करने की जरूरत है. अगर हम किसी को इस्लाम के रास्ते पर ला सकते हैं, तो हम इसे फैलाकर एक सच्चे मुसलमान साबित होंगे.” उन्होंने आगे जोर दिया, “जब हजारों लोग इस तरह से खोपड़ी पर टोपी पहनकर बैठते हैं तो हम सबको ताकत दिखाते हैं. यह हमारी एकता दिखाता है और यह भी साफ़ कर देता है कि देता है कि कोई भी हमें दबा नहीं सकता.”

पहले भी विवादों में रहे हैं फिरहाद हकीम
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम गलत बयानों की वजह से चर्चा में आए हैं.अप्रैल 2016 में उन्होंने कोलकाता के मुस्लिम बहुल इलाके को ‘मिनी पाकिस्तान‘ करार दिया था. फरवरी 2021 में उन्हें कोलकाता की एक मस्जिद में राजनीति से सम्बन्धित भाषण देते हुए देखा गया था, यह आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन था.

'पश्चिम बंगाल के 50 प्रतिशत लोग केवल उर्दू बोलेंगे'
इसी तरह से दिसंबर 2023 में फिरहाद हकीम ने पश्चिम बंगाल की मुख्य भाषा बंगाली पर हमला करते हुए कहा था, कि एक ऐसा समय आएगा जब पश्चिम बंगाल के 50 प्रतिशत लोग केवल उर्दू बोलेंगे. 

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