BJP-JDU Alliance: भले ही धर्मेंद्र प्रधान ने बीजेपी और जदयू के रिश्ते में आई कड़वाहट को दूर करने के लेकर कहा कि दलों के रिश्ते में कोई गतिरोध नहीं है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल प्रधान की पटना यात्रा को लेकर उठाए जा रहे हैं.
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Dharmendra Pradhan and CM Nitish Kumar Meeting: बिहार में सत्ताधारी गठबंधन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल (युनाइटेड) के रिश्ते में खटास के बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान के पटना पहुंचने और मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर नीतीश कुमार से मुलाकात को लेकर कई तरह की चर्चा होने लगी है. लोग इन दोनों नेताओं के मुलाकात को लेकर निहितार्थ भी निकाल रहे हैं. हालांकि इस मामले को लेकर दोनों दलों के नेता खुलकर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं.
बीजेपी-जेडीयू रिश्ते पर ये बोले धर्मेंद्र प्रधान
इस बीच, भले ही प्रधान ने बीजेपी और जदयू के रिश्ते में आई कड़वाहट को दूर करने के लेकर कहा कि दलों के रिश्ते में कोई गतिरोध नहीं है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल प्रधान की पटना यात्रा को लेकर उठाए जा रहे हैं.प्रधान की डेढ़ महीने में दूसरी पटना यात्रा को राष्ट्रपति चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन सवाल उठाया जा रहा है कि चुनाव में जब जदयू ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा कर ही दी है तो फिर प्रधान को दूसरी बार पटना आने की क्या जरूरत पड़ी.
ऐसे में प्रधान के दौरे को जदयू-बीजेपी के बीच आई खटास को दूर कर मिठास घोलने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. हाल के दिनों में देखा जाए तो एनडीए के इन दोनों सहयोगियों के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर मतभेद दिखा है, जिसके बाद जदयू के साथ राजद की नजदीकियां भी चर्चा में रही हैं. जाति आधारित जनगणना हो या जनसंख्या नियंत्रण दोनों दलों के नेता आमने-सामने दिखे.
अग्निपथ योजना के दौरान तो पार्टी के बड़े नेता भी खुलकर सामने आ गए. ऐसे में प्रधान की यात्रा को इन्हीं घटनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है. प्रधान हालांकि मंगलवार की देर शाम बीजेपी के प्रदेश कार्यालय भी पहुंचे और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने साफतौर कहा कि बीजेपी और जदयू के बीच कोई गतिरोध नहीं है. पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम बिहार में सेवा कर रहे हैं.
प्रधान ने तो नीतीश कुमार को एनडीए का नेता बताते हुए यहां तक कह दिया कि नीतीश कुमार 2025 तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे. प्रधान के इस बयान को ऐसे नेताओं के लिए संदेश माना जा रहा है जो सार्वजनिक मंचों से सरकार पर सीध आरोप लगाते रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों में कभी-कभी भिन्न मत हो जाते हैं, लेकिन बिहार में हमें सेवा करने के लिए जो जनादेश मिला है, उसे हम पूरा कर रहे हैं.
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